जमशेदपुर। खतियानी जोहर यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जुगसलाई रेलवे ओवर ब्रिज का उद्घाटन किया। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री चंपई सोरेन समेत क्षेत्र के विधायक उपस्थित थे। कांग्रेस सांसद सरदार स्वर्ण सिंह ने 1973 में पहली बार यह मांग उठाया था।
समय-समय पर कई विधायक सांसदों ने इस मांग को उठाई, 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस रेलवे ओवरब्रिज की आधारशिला रखी थी। आधारशिला रखने के बाद रेलवे ओवरब्रिज का कार्य अधर में लटक गया वर्तमान सरकार ने इस कार्य को गति देते हुए जुगसलाई रेलवे ओवर ब्रिज का कार्य पूर्ण कर दिया।
राज्य सरकार द्वारा रेलवे ओवरब्रिज का ठेका त्रिवेणी इंटरप्राइजेज को दिया गया 45 करोड़ की लागत से रेलवे ओवर ब्रिज का कार्य पूर्ण हुआ जिसे आज राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूजा अर्चना और सिलाव का अनावरण कर इस रेलवे ओवरब्रिज को क्षेत्र की जनता के सुपुर्द कर दिया।
इस रेलवे ओवरब्रिज के पूर्ण हो जाने से लाखों लाख आबादी को जाम की समस्या से निजात मिलेगी इतना ही नही दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
राज्यपाल का सहयोग नहीं
उद्घाटन के बाद पत्रकारों से वातार्लाप करने के दौरान उन्होंने 1932 के खतियान को लागू करने के मामले में कहा कि खतियानी जोहर यात्रा के दौरान अखबारों के माध्यम से उन्हें जानकारी हुई कि राज्यपाल ने बिल को वापस कर दिया है। वे रांची वापस लौटने के बाद राज्यपाल से इस संबंध में बात करेंगे। राज्यपाल से संबंध के बारे में उन्होंने कहा कि राज्यपाल केंद्र सरकार की है और सभी जानते है कि केंद्र सरकार किसकी है। राज्य में गैर भाजपा सरकार होने के कारण केंद्र सरकार नही चाहती की राज्य में 1932 का खतियान लागू हो।