झारखंड नगर निकाय चुनाव में लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किया चुनाव चिह्न
रांची। राज्य के नगर निकाय चुनावों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव चिह्न जारी कर दिया है। आयोग ने नगर निगम के मेयर, नगर परिषद और नगर पालिका के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 50 प्रतीक चिह्नों को अधिसूचित किया है। जबकि वार्ड पार्षदों के चुनाव में भी 50 प्रतीक चिह्न ही इस्तेमाल किये जायेंगे। हालांकि, पार्षदों को आवंटित किया जाने वाला चुनाव चिह्न मेयर और अध्यक्षों के लिए जारी चिह्न से भिन्न होगा। प्रत्याशियों की संख्या अधिक होने की स्थिति में आयोग ने 50 अन्य सुरक्षित चुनाव चिह्न की सूची भी जारी की है। इसका इस्तेमाल उक्त दोनों सूची के चुनाव चिह्न समाप्त होने की स्थिति में किया जायेगा। आयोग ने चुनाव चिह्न आवंटित करने के संबंध में भी निर्देश जारी किया है। आयोग ने कहा है कि प्रत्याशी को आवंटित प्रतीक चिह्न अंतिम होगा। बिना आयोग की अनुमति के उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा।
रांची मेयर सीट एससी होने पर कई संगठनों ने जता रहे है विरोध
रांची नगर निगम क्षेत्र में महापौर पद को एससी वर्ग में रखने को जनजाति सुरक्षा मंत्र ने असंवैधानिक बताया है। कहा कि अनुच्छेद 244 (1) के अधीन क्षेत्रों में बिना राज्यपाल की अनुमति के राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों का जबरन परिसीमन कर सामान्य बनाने का षड्यंत्र किया जा रहा है। जनजाति सुरक्षा मंच इसका विरोध करता है और इसके खिलाफ कोर्ट जायेगा। उधर,केंद्रीय सरना समिति व अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ने बयान जारी कर कहा है कि मेयर का पद एससी के लिए आरक्षित करने के विरोध में 21 नवंबर को राजभवन के समक्ष धरना दिया जायेगा। राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर मेयर पद के लिए एसटी सीट फिर से बहाल करने की मांग की जायेगी। नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा आक्रोश मार्च करेगा और न्यायालय की शरण में जायेगा। कहा कि सरकार ने पहले पंचायत चुनाव में और अब नगर निकाय चुनाव में ओबीसी समुदाय का हक छीन लिया है।