कल्पना: “लेकर रहेंगे बकाया”, नीरा यादव:”किसपर है बकाया, जनता को ना करें गुमराह”…

by Aaditya HridayAaditya Hriday
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रांचीः झामुमो विधायक कल्पना सोरेन ने कहा कि ” बता दीजिए कि 1.36 लाख करोड़ कब हमको देंगे” . आप जो भी इंवेस्टमेंट कर रहे हैं, चाहे वो रोड या ट्रेन हो. आपका इंटेंशन है यहां का खजाना ले जाना. कौन-कौन रास्ता से खजाना ले जाना चाहते हैं. अगर कोई नया रास्ता अख्तियार किया है तो बताएं.

बकाया राशि के मसले पर क्या बोलीं कल्पना सोरेन

हवाई जहाज के माध्यम से खजाना ले जाएंगे तो पहले बकाया 1.36 लाख करोड़ दीजिए. नहीं तो झारखंड अपनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो गया है. झामुमो विधायक कल्पना सोरेन ने कहा कि 1.36 लाख करोड़ लेकर रहेंगे. कान में सुना कर रखिएगा. यह झारखंड का पैसा है. भाजपा ने यहां 16 से 18 साल राज किया है. इसके लिए कोर्ट से रोड तक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. मूल बजट पर दूसरे दिन वाद-विवाद के दौरान 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया के मामले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई. इस दौरान झामुमो विधायक कल्पना सोरेन ने दो टूक कहा कि 1.36 लाख करोड़ लेकर रहेंगे. जनता लड़ाई के लिए तैयार है. इस पर भाजपा विधायक नीरा यादव ने कहा कि जनता को गुमराह ना करें. यह बताएं कि पैसे की मांग आखिर किससे हो रही है. अगर केंद्र के पास बकाया है तो विपक्ष हर तरह से सहयोग के लिए तैयार है, लेकिन यहां तो पब्लिक सेक्टर वाली कंपनियों का मामला है.

दरअसल, गिरिडीह में 4 मार्च को स्थापना दिवस के दिन सीएम हेमंत सोरेन कह चुके हैं कि झारखंड की अपनी जमीन, अपनी इज्जत, घर का जल अगर यहां से बाहर जाएगा तो सिर्फ यहां के विधायक नहीं, बल्कि यहां की जनता लड़ने के लिए तैयार है.

किससे वसूलना है बकाया-नीरा यादव

वहीं भाजपा विधायक नीरा यादव ने कहा कि माननीय सदस्या को विश्वास दिला दें कि अगर झारखंड का एक रुपया भी बकाया है तो हम सभी विपक्ष के लोग साथ आएंगे, लेकिन आप स्पष्ट बताएं कि क्या झारखंड का पैसा केंद्र सरकार के पास बकाया है या कंपनियों के पास. पूरे आंकड़े के साथ बताएं. झारखंड की जनता को गुमराह करने का काम ना करें. अगर बकाया है तो वो सरकारी उपक्रमों से जुड़ा हुआ है.

बकाया पर राजनीति हो रही है-नवीन जायसवाल

इसपर भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने पूछा कि अगर बकाया है तो क्या वो राशि केंद्र सरकार देगी या पब्लिक सेक्टर वाली कंपनियां जैसे सीसीएल, बीसीसीएल, सेल देगी. अगर पैसे की लड़ाई पब्लिक सेक्टर से हैं तो उसके लिए केंद्र को कैसे जिम्मेवार ठहरा सकते हैं. इसके लिए ट्रिब्यूनल, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट है. लड़ाई पीएसयू से है और राजनीति केंद्र सरकार को लेकर हो रही है. नवीन जायसवाल ने कहा कि इसपर राजनीति क्यों हो रही है. क्या इसी वजह से 450 रुपये में सिलेंडर नहीं दिया जा रहा है. क्या इस राशि के नाम पर मंईयां सम्मान योजना बंद हो जाएगी.

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