देश के कई राज्यों के साथ- साथ झारखंड में भी एच3 एन2 (हांगकांग फ्लू) का खतरा बढ़ रहा है। झारखंड में भी लोगों से मास्क लगाने और निश्चित दूरी रखने की अपील की गयी है। कई राज्यों में हांगकांग फ्लू के बढ़ते खतरे ने मास्क को दोबारा लौटा दिया है।
साधारण सर्दी खांसी या वायरल
मौसम बदलने की वजह से हो रही सर्दी खांसी को भले ही लोग गंभीरता से नहीं ले रहे लेकिन यह फ्लू हो सकता है। बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी राज्यों के उपायुक्तों को अलर्ट जारी किया है। राज्य के सभी अस्पतालों में ऐसे मरीजों की पहचान करने और हर दिन के आंकड़े की जानकारी रखने की हिदायत दी है।
संक्रमितों के पहचान का आदेश
ऐसे मरीज जिन्हें लंबे समय से सर्दी, खांसी, गले में दर्द, बुखार जैसी समस्या है उनकी पहचान करके नमूने इकट्ठा कराए जाएं और इन्फ्लुएंजा, कोविड और एडेनोवायरस का टेस्ट कराया जाए। कई जिलों में इसके मामले देख जा रहे हैं लेकिन यह पुष्टि नहीं हो रही है कि क्या यह इन्फ्लुएंजा ए वायरस या साधारण समस्या है।
उपायुक्तों को दिया गया है निर्देश
उपायुक्तों को दिए गये निर्देश में उनसे कहा गया है कि अस्पताल में बिस्तर, दवा, बेड, ऑक्सीजन जैसी जरूरी चीजों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। सभी जिलों को इस संक्रमण के संबंध में जागरुक करने का निर्देश दिया गया है। रिम्स, रांची और एमजीएम, जमशेदपुर के वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब को इन्फ्लूएंजा की जांच के लिए नामित किया गया है।
हम संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार
स्वास्थ्य मंत्री ने बन्ना गुप्ता ने बढ़ते हांगकांग फ्लू के खतरे कहा था कि राज्यवासियों को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार बुनियादी सुविधाओं पर पूरा ध्यान दे रही है। हम पूरी तरह तैयार हैं। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में संसाधन है। अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में आईसीयू और ऑक्सीजन बेड है। ऑक्सीजन की व्यवस्था है। जांच की सुविधा भी उपलब्ध है।