झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में अयोग्य व्यक्तियों को अवैध रूप से की गई नियुक्तियों को लेकर एनएसयूआई ने खोला मोर्चा।
कांग्रेस छात्र संगठन झारखंड एन.एस.यू.आई के प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय रांची के पूर्व सहायक कुलसचिव (प्रभारी) श्री कुणाल कुमार एवं पूर्व परीक्षा नियंत्रक श्री राजेश प्रसाद के द्वारा आपसी मिली भगत के साथ अवैध रूप से आउट सोर्स एजेंसी( एम/एस एवरग्रीन एजेंसी, अरगोडा, रांची) का चयन करने उक्त एजेंसी के माध्यम से कुल 72 अयोग्य व्यक्तियों को अवैध रूप से की गई नियुक्तियों को तत्काल बर्खास्त करने तथा पूर्व पदाधिकारियों के अनुशंसा पर किए गए उक्त कार्यों का विशेष जांच कराने के संबंध में झारखंड सरकार उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सचिवालय के माननीय मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, विशेष कार्य पदाधिकारी (न्यायिक) राज्यपाल सचिवालय राज भवन, एवं झारखंड टेक्निकल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अमर कुमार चौधरी को ज्ञापन दिया।
विदित हो कि शुश्री दीपाषा करण की बहन अलीशा करण की नियुक्ति भी पूर्व परीक्षा नियंत्रक श्री राजेश प्रसाद के विशेष प्रयास एव अवैध रूप से कराया गया था और श्रीमती अलीशा करण को मानदेय के रूप में प्रतिमा लगभग ₹48000 का भुगतान किया जाता रहा है। प्रदेश उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि अवैध रूप से नियुक्त सभी व्यक्तियों की सेवा एवं आउट सोर्स एजेंसी को तत्काल बर्खास्त करते हुए स्वतंत्र समिति के माध्यम से अब तक की गई कुल भुगतान राशि के संबंध में भी जांच कराई जाए ताकि इस बात का भी आकलन हो सके की कुल कितनी राशि का भुगतान अवैध रूप से किया जा रहा है। इंदरजीत सिंह ने कहा कि कई लोग ऐसे हैं जो विश्वविद्यालय में पद लेकर भी विश्वविद्यालय नहीं आते हैं उन्हें भी वेतन का भुगतान किया जाता रहा है। अभी भी उपरोक्त 72 व्यक्तियों की सेवा अवैध रूप से जारी है जिससे प्रतीत हो रहा है कि वर्तमान के पदाधिकारियों का भी मिलीभगत अभी तक बनी हुई है।
7 दिन का दिया अल्टीमेटम – उपरोक्त सभी मामलों को लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलसचिव अमर चौधरी को 7 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर 7 दिनों में इन सभी की जांच नहीं कराई गई तो 7 दिन के बाद रांची के माननीय उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता आदरणीय श्री राजीव कुमार जी को भी एक ज्ञापन देते हुए अनुरोध किया है कि उपरोक्त विषय के संबंध में उक्त सभी पदाधिकारियों के विरुद्ध अनुरोधित अधिकारियों द्वारा यदि समुचित कार्रवाई नहीं किया गया तो इस स्थिति में माननीय उच्च न्यायालय रांची में जनहित याचिका दायर की जाएगी एवं छात्रों से प्राप्त राशि के दुरुपयोग को रोका जाएगा। मौके पर इंदरजीत सिंह, आरुषि वंदना, आकाश, अमन, प्रणव, विपुल, संतोष, रजनीश आदि मौजूद थे।
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