रांची। झारखंड को बीते तीन वर्षों (2019 से 2022 तक) में केंद्र से 2604।78 करोड़ की राशि निर्गत की गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 691।88 करोड़ की राशि निर्गत की जा चुकी है। सांसद संजय सेठ के सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य को आवंटिचि निधियों का परिणाम बेहतर हो, इसके लिए प्रत्येक 3 माह में समीक्षा भी की जाती है। एनजीओ को प्रदान की गई राशि, उसके उपयोग, उसका मूल्यांकन, इन सबके रिकॉर्ड को राज्य स्तर पर रखा जाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में बताया कि उनके मंत्रालय के द्वारा केंद्र प्रायोजित जितनी भी योजनाओं का संचालन होता है, उसकी निधि जारी करने का काम मंत्रालय के द्वारा किया जाता है। कार्यक्रम की रूपरेखा दी जाती है। मंत्रालय के अधीन योजनाओं के प्रत्येक घटक के लिए अलग-अलग बजट के साथ केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं और केंद्र प्रायोजित योजनाओं को कार्यान्वित किया जाता है।
किस- किस मद में मिली राशि : संजय सेठ ने लोकसभा में सवाल पूछा था कि देश में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में केंद्र प्रायोजित कितनी योजनाओं का काम झारखंड में चल रहा है। इसके साथ ही उन योजनाओं के लाभुकों, 3 वर्षों तक उन योजनाओं के ब्यौरा से संबंधित सवाल सांसद ने सदन में रखा था। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय टीवी उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सहित कई योजनाओं के लिए राज्य स्तर पर निधि का आवंटन किया गया है। इसके अलावा मौजूदा जिला रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए भी राशि निर्गत की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत झारखंड को 2019-20 में 830 करोड़, 20- 21 में 602 करोड़ और 21 झ्र 22 में 640 करोड रुपए की राशि आवंटित की गई है। वहीं टीवी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत झारखंड को पिछले तीन वित्तीय वर्षों में क्रमश: 29 करोड़, 30 करोड़ और 42 करोड़ की राशि दी गई है। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत विगत 3 वर्षों में झारखंड को लगभग 6 करोड़ से अधिक की राशि निर्गत की गई है। मौजूदा जिला और रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 2019-20 में झारखंड को 147 करोड रुपए और 2020 झ्र 21 में 40 करोड़ रुपये की राशि निर्गत की गई है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत झारखंड को कोई निधि आवंटित नहीं की गई है। वहीं प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत झारखंड को विगत 3 वर्षों में क्रमश: 126 करोड रुपए, 100 करोड रुपए और लगभग 8 करोड रुपए का आवंटन किया गया है।
लेखा जोखा जनता को दे राज्य सरकार : सांसद संजय सेठ ने कहा कि इतनी बड़ी राशि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने झारखंड को दी है। झारखंड सरकार को चाहिए कि केंद्र सरकार के तहत चलने वाली योजनाओं की बेहतर तरीके से मॉनिटरिंग करें। अधिक से अधिक लोगों को इनका लाभ मिले, इस दिशा में सरकार को और बेहतर काम करना चाहिए ताकि हम केंद्र सरकार से झारखंड में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए और अधिक राशि मांग सकें। सांसद ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं के लिए सरकार को इन सभी राशियों का लेखा-जोखा पटल पर रखना चाहिए। जनता के सामने लाना चाहिए ताकि आम जनता को भी पता चले कि केंद्र सरकार राज्य को स्वास्थ्य के लिए क्या-क्या सुविधाएं मुहैया करा रही हैं।
बेहतर स्वास्थ्य के लिए तीन वर्षों में झारखंड को मिले 2604 करोड़
संजय सेठ ने राज्य सरकार से मांगा लेखा जोखा
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