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Ranchi, 20 मई 2025 — झारखंड के वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे को शराब घोटाले में शामिल होने के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने गिरफ्तार कर लिया है। चौबे वर्तमान में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव हैं। इससे पहले वे उत्पाद विभाग के सचिव रह चुके हैं।
आज सुबह लगभग 11 बजे, ACB की टीम ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। कई घंटों की पूछताछ के बाद, शाम होते-होते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें रांची सेंट्रल जेल शिफ्ट किया जा रहा है।
पूछताछ के दौरान हुआ मेडिकल चेकअप
पूछताछ के दौरान चौबे की मेडिकल जांच भी करवाई गई। ACB कार्यालय में मौजूद मेडिकल टीम ने उन्हें पूरी तरह से चेकअप कर “फिट” घोषित किया। इसके तुरंत बाद गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी की गई।
2022 की नई शराब नीति से जुड़ा मामला
यह मामला साल 2022 में झारखंड में लागू हुई नई शराब नीति से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि इस नीति में कुछ बदलाव ऐसे किए गए जिससे छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट को भारी लाभ पहुंचा।
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के अधिकारियों और व्यापारियों ने मिलकर:
- झारखंड में शराब की सप्लाई का ठेका
- कामगारों की व्यवस्था
- होलोग्राम सिस्टम का ठेका
हासिल कर लिया। इस पूरी प्रक्रिया में सरकारी राजस्व को बड़ा नुकसान हुआ और अवैध कमाई की गई।
ACB और ED की कार्रवाई
- 27 सितंबर 2024 को छत्तीसगढ़ ACB ने इस घोटाले में FIR दर्ज की थी।
- FIR में विनय चौबे सहित 7 लोगों के नाम शामिल हैं।
- इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कई ठिकानों पर छापेमारी कर दस्तावेज जब्त किए।
FIR में किनके नाम?
7 सितंबर 2024 को विकास कुमार नामक व्यक्ति की शिकायत पर रायपुर में IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत FIR दर्ज हुई थी। इसमें:
- झारखंड के IAS विनय चौबे
- छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा
का नाम भी शामिल है।
क्या आगे होगा?
छत्तीसगढ़ ACB ने झारखंड सरकार से विनय चौबे और गजेंद्र सिंह के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन की अनुमति मांगी है। आगे की कार्रवाई इसी अनुमति के आधार पर होगी।

