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बागेश्वर धाम वाले बाबा ने सबको किया हैरान

by Gandiv Live
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मीडियाकर्मियों ने अनजान महिला को भेजा, इधर पंडित धीरेंद्र शास्त्री पहले ही लिख दिया उसका पर्चा

रायपुर: जिसकी पूरी देश में चर्चा है, जिस मसले पर पूरे देश में विवाद है। वो रायपुर में हुआ। किसी ने इसे चमत्कार कहा किसी ने ट्रिक मगर जो लाखों की भीड़ में हुआ वो हैरान करने वाला ही था। बीते 4 दिनों में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को लेकर देश में चर्चा है। विवाद ने रायपुर में हुए आयोजन में और भीड़ बढ़ा दी। धीरेंद्र शास्त्री ने शुक्रवार को दिव्य दरबार लगाया, न कोई एंट्री फीस, न टोकन न शुल्क खुला आमंत्रण था लोगों को और धीरेंद्र शास्त्री पर सवाल उठाने वालों पर। भजनों के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। दोपहर होते-होते पंडाल में भीड़ के बीच जो कुछ हुआ उसने लोगों को जय-जयकार करने पर मजबूर कर दिया।

रायपुर के गुढ़ियारी इलाके में राम कथा कार्यक्रम का आयोजन बीते 17 जनवरी से हो रहा है। यहां बागेश्वर धाम (MP) के धीरेंद्र शास्त्री आए हुए हैं। शुरुआती दिनों में राम कथा हुई। मगर नागपुर में इससे पहले धीरेंद्र शास्त्री की सभा पर उठे सवाल और विवाद ने माहौल गर्म कर दिया। नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता श्याम मानव ने कहा था कि धीरेंद्र शास्त्री अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं, अगर उनकी टीम से जुड़े लोगों के सवालों के जवाब वो दे पाए तो 30 लाख का ईनाम देंगे। खबर आई कि इस चैलेंज के बाद धीरेंद्र शास्त्री नागपुर से भाग गए थे।

इसी के जवाब में शुक्रवार को धीरेंद्र शास्त्री ने दिव्य दरबार लगाया। खुला चैलेंज किया कि श्याम मानव रायपुर आएं और देख लें कि वो कैसे लोगों की समस्या का समाधान बताते हैं। विवाद के चैलेंज की वजह से लाखों की भीड़ गुढ़ियारी के पंडाल में पहुंच गई। खुद धीरेंद्र शास्त्री ने दावा किया कि उनके पंडाल में शुक्रवार को 4 लाख लोग पहुंचे हैं। इसके बाद उन्होंने वो किया जिसकी वजह से वो चर्चा में छाए हुए हैं।

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चैलेंज की वजह से बड़ी तादाद में मीडियाकर्मी भी धीरेंद्र शास्त्री का दिव्य दरबार कवर करने पहुंचे थे। धीरेंद्र शास्त्री ने दावा किया कि कोई भी मीडिया पर्सन खड़ा हो, चारों पंडाल की लाखों की भीड़ में से किसी को भी उठाकर ले आए, उसके बारे में पहले से ही पर्चा लिख देंगे और उसके बारे में सब कुछ बता देंगे। रायपुर के पत्रकारों ने इसे चैलेंज को कबूला। दूसरी तरफ धीरेंद्र शास्त्री ने पलकें तेजी से झपकाईं, राम का ध्यान किया और कागज पर कुछ लिखने पत्रकारों से कहने लगे, जाइए जिसे चाहे उसे ले आइए, पर्चा तो उसी का निकलेगा। रिपोर्टर भीड़ में बढ़े।

रिपोर्टर ने एक बीमार बच्चे के साथ आई महिला को भीड़ से उठाया। उसे मंच की ओर ले जाया गया। भीड़ और धीरेंद्र शास्त्री जय श्री राम के जयकारे लगा रहे थे। मंच पर जब महिला आई तो धीरेंद्र शास्त्री ने रिपोर्टर से पूछा कि जिस महिला को आप लेकर आए, क्या उसके बारे में जानते हैं, क्या उनका नाम जानते हैं, उन्हें पहचानते हैं रिपोर्टर ने न में जवाब दिया। महिला से भी यही बात बाबा ने पूछी महिला ने भी कहा कि वो पहले से न तो किसी जानती है, न ही किसी को अपनी समस्या बताई।

इसके बाद धीरेंद्र कृष्ण ने महिला से उनके बच्चे का नाम पूछा महिला ने कहा दिव्यांश सिंह, बच्चे को चलने फिरने में समस्या थी बीमार रहता था। झट से धीरेंद्र शास्त्री ने पहले से लिखा पर्चा महिला के सामने धर दिया जिसमें लिखा था, महिला बच्चे को लेकर परेशान है बच्चे का नाम दिव्यांश है, नसों में परेशानी के कारण वो चल फिर नहीं पाता, बच्चे को झटके आते हैं। परिवार में आर्थिक परेशानियां हैं, परिवार कुल देवता कोई माता है। महिला बिलासपुर की रहने वाली हैं। ये देखकर भरे गले से महिला जय-जयकार करने लगी। भीड़ ने भी जय श्री राम का हुंकार भरता हुआ नारा लगाया, इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने महिला को दो मंत्र बताए और कुल देवी की पूजा करने की सलाह देते हुए कष्ट दूर होने की बात कही।

चैलेंज के साथ बागेश्वर धाम वाले बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण ने दिव्य दरबार लगाया। धीरेंद्र कृष्ण ने कहा कि नागपुर वालों को मैंने रायपुर आने को कहा था। यदि यहां आ गए हो तो सामने आओ, तुम्हारी ठठरी बांध देंगे और तुम्हें गीला करके भेजेंगे। नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण पर अंध विश्वास फैलाने का आरोप लगाया था उन्हें चैलेंज करते हुए बाबा ने रायपुर बुलाया था मगर श्याम मानव नहीं आए। पं धीरेंद्र कृष्ण कहते हैं बजरंग बली की कृपा से भीड़ में से किसी को भी उठाकर वो उसकी समस्या और समाधान बता देते हैं। इसके लिए कोई पैसा नहीं लेते। न ही खुद को संत बताते हैं और न ही किसी को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित करते हैं।

मध्यप्रदेश में बागेश्वर धाम एक चंदेलकालीन प्राचीन सिद्ध पीठ है। 1986 में ग्रामवासियों द्वारा मंदिर का जीर्णाेद्धार कराया गया था। उसके बाद सन 1987 के बीच में ग्राम गढ़ा के बाबा सेतुलाल महाराज उर्फ भगवानदास महाराज निर्मोही अखड़ा चित्रकूट से दीक्षा प्राप्त करके बागेश्वर धाम पहुंचे थे। इसके बाद सन 1989 में एक विशाल यज्ञ आयोजन करवाया गया था।

26 साल के धीरेंद्र शास्त्री बताते हैं कि ये उनके दादा के जमाने से चला आ रहा है। यहां उनके पूर्वज दरबार लगाकर लोगांे को उनकी समस्या समाधान बताते थे। अपने धार्मिक आयोजनों के जरिए शास्त्री 60 लाख लोगों को भोजन एवं 30 लाख लोगों के मन की बात को पर्चे पर उतारने का दावा करते हैं। बागेश्वर धाम ग्राम गढ़ा छतरपुर जिले मे स्थित है। सोशल मीडिया पर धीरेंद्र शास्त्री के वीडियोज बीते दो सालों में काफी वायरल हुए और वे मशहूर हुए।

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