घाटशिला : चाकुलिया प्रखंड की चालुनिया के दुबराजपुर गांव की वार्ड मेंबर सह वन सुरक्षा समिति की अध्यक्ष बासंती हांसदा के नेतृत्व में साधारण सी आदिवासी महिलाएं साल जंगल की रक्षा के लिए असाधारण काम कर रही हैं. इनकी जागरुकता और जीवटता से पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे इलाके में 88 हेक्टेयर में फैला राखा पहाड़ पर साल का जंगल लहलहा रहा है. जंगल रक्षा के क्षेत्र में महिलाएं एक मिसाल बन गई हैं. आज से 15 साल पूर्व यह जंगल अवैध कटाई से वीरान हो गया था. मगर आज स्थिति यह है कि पहाड़ साल के वृक्षों से लहलहा रहा है. इस जंगल में मोर, खरगोश, गिलहरी समेत कई वन्य प्राणी भी निवास करने लगे हैं.

15 साल पूर्व बासंती हांसदा को दुबराजपुर वन सुरक्षा समिति का अध्यक्ष बनाया गया. समिति में अनेक महिलाएं भी शामिल हुईं. इन महिलाओं ने राखा पहाड़ पर प्राकृतिक साल जंगल को बचाने की ठान ली और इस कार्य में जुट भी गईं. महिलाओं ने अलग-अलग टोली बनाकर पहाड़ पर पहरेदारी शुरू कर दी. बासंती हांसदा के नेतृत्व में दुलाली मांडी, पानमनी मांडी, मोगली मांडी, मोनू हांसदा सीतामनी किस्कू, शिनमुनी हेम्ब्रम, सानगो हांसदा, नियती हांसदा समेत अन्य महिलाएं हाथ में तीर-धनुष और कटारी लेकर इस जंगल में आज भी पहरा देती हैं. महिलाओं ने कई जगहों पर वृक्ष काटना मना है, का बोर्ड लगाया. तय किया कि अगर कोई साल जंगल में कच्चा वृक्ष काटते पकड़ा जाएगा तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी करवाई जाएगी.
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