कोरोना वैक्सीनेशन क कार्य कर रहे कर्मियों ने वेतन की मांग को लेकर दिया धरना

by Aaditya HridayAaditya Hriday

सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष बैठे कर्मी, ठप हुआ कोविड टेस्ट व रजिस्ट्रेशन कार्य

रांची। कोरोना वैक्सीनेशन कार्य में लगाए गए कर्मियों ने बकाये वेतन की मांग को लेकर आज सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरना दिया। इससे कोविड टेस्ट का कार्य पूरी तरह से प्रभावित रहा। टेस्ट करने वाले कर्मी (वीएलई) वेतन भुगतान की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। कर्मियों का कहना है कि किसी को तीन, तो किसी को 6 माह से वेतन नहीं मिला है। कर्मियों ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में जान जोखिम में डालकर काम किया। स्वयं और परिवार के लोगों के बीमार होने के डर के बीच काम किया । इसके बावजूद हमलोगों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। कर्मियों की मांग है कि जबतक उन्हें बकाया का भुगतान नहीं किया जाता है तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। कर्मियों का कहना है कि पैसे नहीं होने की वजह से उन्हें खाने के लाले पड़ गए है। परिवार चलाना मुश्किल हो गया। बच्चों को जरूरत का सामान भी हमलोग नहीं दे पा रहे है। कई लोगों का कहना है कि किराना दुकान वाले भी अब उधार नहीं दे रहे हैं, जिससे खाने पीने के लाले पड़ गए है। जिस कारण हमलोगों को आंदोलन का रूख अख्तियार करना पड़ा। कर्मियों ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी थी। तब स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को जांच की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश दिया था। उस वक्त रांची में 300 से अधिक कर्मियों की प्रति माह 12 हजार रुपए वेतन भुगतान पर नियुक्ति की गई थी। इन कर्मियों को रांची रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, हटिया रेलवे स्टेशन और बस अड्डा आदि स्थानों पर कोविड टेस्ट का कार्य करने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था। लेकिन अब तक इन्हें वेतन नहीं मिला।

कोविड टेस्ट का कार्य हुआ प्रभावित
कर्मियों द्वारा काम ठप कर धरना में बैठने से रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित अन्य स्थानों पर होने वाला कोविड टेस्ट का कार्य आज पूरी तरह से ठप हो गया है। उधर, अचानक कर्मियों के कार्य ठप करने के कारण कोविड-19 टेस्ट कराने आने वाले लोग परेशान रहे।

कोविड टेस्ट का आॅनलाइन भी करते है रजिस्ट्रेशन
राजधानी में दर्जनों वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए है। जहां पर टीका लगाने के साथ आनलाइन रजिस्ट्रेशन व आनस्पॉट रजिस्ट्रेशन भी होता है। जहां इन टेक्निकल एक्सपर्ट्स को तैनात किया गया था। ये लोग लाभुकों की जानकारी वेरीफाई करते थे। इसके बाद जानकारी सभी जगह शेयर की जाती है।

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