नई दिल्ली। केंद्र की बजट को लेकर पूर्व चर्चा पर आज झारखंड के वित्त मंत्री व प्रधान सचिव शामिल हुए। नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने झारखंड का पक्ष रखा। बैठक में रामेश्वर उरांव ने झारखंड का पक्ष रखते हुए कहा कि जीएसटी के अन्तर्गत झारखण्ड राज्य में प्रोटेक्टेड रेवन्यू के अनुरूप टैक्स का संग्रह नहीं हो पाया। तथा जुलाई, 2022 से कम्पनसेशन भुगतान की व्यवस्था समाप्त होने के कारण झारखण्ड राज्य को प्रति वर्ष 4,500 करोड़ रुपये का भारी नुकसान होने का अनुमान है। मैं मांग करता हूं कि कम्पनसेशन अवधि को अतिरिक्त 5 वर्षों तक विस्तारित किया जाय। झारखण्ड राज्य में कोयला खनन मुख्यत कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी इकाईयों यथा सीसीएल, बीसीसीएल और इसीएल द्वारा की जाती है। इन कोल कंपनियों के पास राज्य सरकार का काफी बकाया है। जिसमें मुख्यत: नन पेमेंट आॅफ लैंड कम्पनसेशन मद में 1,01,142 करोड़ रुपये, कामन काउज डियूज मद में 32,000 करोड़ रुपये तथा वेस्ट कोयल रॉयल्टी मद में 2,900 करोड़ रुपये बकाया है। इसलिए मैं अनुरोध करता हूं कि इस बकाये की राशि जो कुल रुपये 1,36,042 करोड़ है, का भुगतान यथाशीघ्र कराया जाय। इसके अलाव उन्होंने झारखंड से संबंधित कई मामलों को इस बैठक में उठाया।
केंद्र की बजट चर्चा पर राज्य वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने
केंद्र सरकार से मांगे बकाये राशि 1,36,042 करोड़
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