नेपाल में रविवार सुबह बड़ा विमान हादसा हुआ। यति एयरलाइंस के प्लेन ATR-72 में 5 भारतीय समेत 68 यात्री और 4 क्रू मेंबर सवार थे। प्रमुख जिला अधिकारी टेक बहादुर केसी ने बताया कि अब तक 60 शव निकाले जा चुके हैं। पहले सरकार ने मौतों का आंकड़ा 29 बताया था। चश्मदीदों का कहना है कि हादसे में कोई भी नहीं बचा। बचाव और राहत में जुटे लोगों के मुताबिक, किसी के बचने की उम्मीद नहीं है। सिविल एविएशन अथॉरिटी का कहना है कि लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले विमान में आग की लपटें दिखाई दीं। इसलिए मौसम की खराबी के कारण दुर्घटना होने की बात नहीं कही जा सकती है। पहले कहा जा रहा था कि हादसा खराब मौसम की वजह से हुआ है।
प्रचंड का पोखरा दौरा रद्द
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड का पोखरा का दौरा रद्द हो गया है। प्रचंड के PA ने बताया कि मौसम की खराबी और सुरक्षा कारणों से सिक्योरिटी टीम ने PM को पोखरा विजिट ना करने की सलाह दी है। सुरक्षा का जायजा लेने गया हेलिकॉप्टर बीच रास्ते ही वापस आने के कारण प्रधानमंत्री का दौरा रद्द किया गया है।
मैकेनिकल खराबी की वजह से दुर्घटना
सिविल एविएशन अथॉरिटी ऑफ नेपाल की तरफ से कहा गया है कि मैकेनिकल खराबी की वजह से दुर्घटना हुई है। उड़ान से पहले सभी टेक्निकल जांच और प्रोसेस को पूरा किया गया था और उसमें कोई भी टेक्निकल खराबी नहीं दिखाई दी थी।
पायलट ने 2 बार लैंडिंग की परमिशन मांगी
पोखरा एयरपोर्ट एटीसी के सोर्सेज के मुताबिक हादसा रनवे से महज कुछ मीटर दूर हुआ। पोखरा का रनवे पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर बना हुआ है। पायलट ने पहले पूर्व की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी थी और परमिशन मिल भी गई थी, लेकिन थोड़ी देर में पायलट ने पश्चिम की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी और दोबारा परमिशन दे दी गई, लेकिन लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
कहां हुआ हादसा
हादसा कासकी जिले के पोखरा में पुराने एयरपोर्ट और पोखरा एयरपोर्ट के बीच हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्लाइट ने काठमांडू से पोखरा जाने के लिए सुबह 10:30 बजे उड़ान भरी थी। पोखरा एयरपोर्ट काठमांडू से 200 किमी दूर है। यहां पहुंचने में 25 मिनट लगते हैं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, हादसा रविवार सुबह करीब 8 बजे हुआ। विमान पहाड़ी से टकराकर येति नदी के पास खाई में जा गिरा। स्थानीय लोग राहत और बचाव के लिए पहुंच गए। हालांकि मीडिया में यह खबर दोपहर करीब 12 बजे आई।
5 भारतीय समेत 9 विदेशी नागरिक थे
विमान को कैप्टन कमल केसी उड़ा रहे थे। 68 यात्रियों में से 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, एक आयरिश, दो कोरियन, एक अफगानी और एक फ्रेंच नागरिक थे। इनमें 3 नवजात और 3 बच्चे शामिल हैं। एयरलांइस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा कि अभी तक किसी जीवित व्यक्ति को नहीं निकाला जा सका है।
बीते साल गई थी 22 लोगों की जान
इससे पहले पिछले साल मई के महीने में खराब मौसम की वजह से पहाड़ी मस्तंग जिले में तारा एयर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस घटना में 22 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया था कि खराब मौसम की वजह से विमान बाएं के बजाए दाएं मुड़ गया था। इससे विमान पहाड़ों से टकरा गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया।