📌 गांडीव लाइव डेस्क:
महाराष्ट्र सरकार की मंत्री पंकजा मुंडे ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने गुरुवार को मराठों के लिए सरकारी नौकरियों और प्रवेश में आरक्षण का समर्थन जताया। उनका कहना है कि यह आरक्षण ओबीसी समुदाय से नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि ओबीसी लोग पहले से ही कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं।
दशहरा रैली में की गई घोषणा 🎉
बीड़ जिले के सावरगांव घाट में दशहरा के अवसर पर आयोजित रैली में पंकजा ने जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा, “गोपीनाथ मुंडे ने मराठा आरक्षण का समर्थन किया था, और हम भी इसके लिए खड़े हैं, लेकिन इसे हमारे हिस्से से न छीनें।” उन्होंने आगे बताया कि उनका समुदाय आज भी भुखमरी से जूझ रहा है और इस समस्या ने उनकी नींद उड़ा दी है।
पंकजा ने यह भी कहा, “मैंने कभी जाति के आधार पर नहीं देखा कि मैं किसके लिए प्रचार कर रही हूं। मैंने हमेशा मानवता को प्राथमिकता दी है।”
राज्य सरकार का आदेश और ओबीसी की नाराजगी
मराठा आरक्षण पर बात करते हुए, यह जानना महत्वपूर्ण है कि मनोज जरांगे नाम के एक आरक्षण कार्यकर्ता ने 29 अगस्त से पांच दिन तक अनशन के बाद, 2 सितंबर को महाराष्ट्र सरकार द्वारा एक सरकारी आदेश जारी किया गया। इस आदेश ने मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने का अधिकार दिया है। इसके बाद, ये सदस्य ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे।
हालांकि, ओबीसी समुदाय में इस निर्णय के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है, क्योंकि वे मराठों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने का विरोध कर रहे हैं।

