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महाकुंभ भगदढ़ मे गई थी कई जानें तो आखिर उन्हे क्यू छुपाया जा रहा। जो तस्वीरे सामने आई है उन्हे देखकर रूह कांप जा रही है। सवाल ये है की उन मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा…

Mahakumbh में कैसे मची भगदड़?
वैभव कृष्ण ने बताया कि बैरिकेडिंग टूटने की वजह से महाकुंभ में ये भगदड़ मची. उन्होंने बताया,
बुधवार, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का मुख्य स्नान था. ब्रह्म मुहूर्त से पहले रात एक से दो बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ जमा हो गयी। इस भीड़ के कारण दूसरी तरफ की बैरिकेडिंग टूट गई और भीड़ दूसरी तरफ ब्रह्म मुहूर्त में डुबकी लगाने का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं पर चढ़ गई। वो कुचल गए। करीब 90 लोगों को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन दुर्भाग्य से इनमें से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इन 30 में से 25 की पहचान हो चुकी है और बाकी की पहचान अभी बाकी है। इनमें कर्नाटक के 4, असम के 1, गुजरात के 1 लोग शामिल हैं…36 लोगों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। फिलहाल स्थिति सामान्य है ।
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ट्रक पर उठा कर ले जाया गया शवों के कपड़े….

महाकुंभ भगदड़ को यूपी के मंत्री ने बताया ‘छोटी-मोटी घटना’, फिर बोले- “जुबान फिसल गई थी”
गदड़ की घटना के बाद महाकुंभ में की गई व्यवस्था को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए। विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरा। इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद समाज पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भगदड़ को लेकर विवादास्पद बयान दे दिया है। उन्होंने कहा, “इतने बड़े आयोजन और भीड़ में छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। ”
भगदड़ की घटना के बाद महाकुंभ में की गई व्यवस्था को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए। विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरा। इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद समाज पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भगदड़ को लेकर विवादास्पद बयान दे दिया है। उन्होंने कहा, “इतने बड़े आयोजन और भीड़ में छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। ”
Mahakumbh stampede Mela (Prayagraj) पर SSP Rajesh Dwivedi का बयान सुर्खियों में है। उनका कहना है कि कोई भगदड़ वाली बात नहीं थी। बहुत ज़्यादा भीड़भाड़ थी, इसके कारण कुछ श्रद्धालु घायल हो गए। इस बीच ख़बर लिखे जाने तक प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या का अमृत स्नान शुरू हो चुका था।
प्रयागराज में कुंभ मेला के SSP राजेश द्विवेदी का बयान सुर्खियों में है। उन्होंने महाकुंभ में किसी प्रकार की भगदड़ (Mahakumbh stampede) होने से इनकार किया है। उनका कहना है कि बहुत ज़्यादा भीड़भाड़ थी। इसी कारण कुछ श्रद्धालु घायल हो गए हैं। SSP राजेश द्विवेदी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि जो घाट उनके लिए खुले हैं, वहां आराम से स्नान करें।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक हरदोई में मीडिया से बातचीत के दौरान संजय निषाद ने कहा,
“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस मामले को देख रहे हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वो जहां जगह मिले, वहीं स्नान कर लें और अफवाहों से बचें। ”
Mahakumbh भगदड़ के बाद सरकार ने लिए ये फैसले

महाकुंभ में भगदड़ मचने के बाद बुधवार को प्रयागराज में महाकुंभ को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए. प्रयागराज में एंट्री करने वाले 8 पॉइंट-भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, मिजापुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। सभी व्हीकल के पास रद्द कर दिए गए हैं। इसका मतलब ये है कि मेले में अब एक भी गाड़ी नहीं चलेगी। इसके अलावा रास्ते को वन-वे कर दिया गया है. यानी एक रास्ते से आए श्रद्धालुओं को स्नान के बाद, दूसरे रास्ते से वापस भेजा जा रहा है। मेला क्षेत्र में यह व्यवस्था 4 फरवरी तक लागू रहेगी।
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