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📌 गांडीव लाइव डेस्क:
भारत-चीन संबंधों को प्रगाढ़ बनाने का आह्वान
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस के साथ व्यापारिक संबंधों को लेकर भारत और चीन पर की जा रही आलोचना के बीच, चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने इन दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने का सुझाव दिया है। उन्होंने राजनीतिक शक्ति, वर्चस्ववाद, और व्यापार युद्धों का मिलकर सामना करने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया है।
चार प्रमुख बिंदु
शू ने 76वीं चीनी राष्ट्रीय दिवस समारोह में एक चार बिंदुओं का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने कहा कि भारत और चीन को आपसी संबंध सुधारने के लिए पारस्परिक सम्मान, विश्वास, शांतिपूर्ण सहअस्तित्व, और साझा विकास के सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि
उन्होंने उल्लेख किया कि जनवरी से अगस्त 2025 तक, भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10.4% की वृद्धि के साथ 102 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है। शू ने कहा कि चीन भारत के साथ साझा हितों को विकसित करने के लिए तैयार है।
भारतीय नागरिकों के लिए वीजा जारी
इस वर्ष, चीनी दूतावासों ने भारतीय नागरिकों को 2,65,000 से अधिक वीजा जारी किए हैं। शू ने कहा, “हम हर स्तर पर भारत के साथ मित्रता एवं सहयोग बढ़ाना चाहते हैं और आपसी समझ को और गहरा करना चाहते हैं।”
आगामी बैठक की संभावना
राजदूत ने हाल ही में तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चीन दोनों नेताओं की साझा समझ के आधार पर भारत-चीन संबंधों को स्थिर और सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
ट्रंप द्वारा किया गया आरोप
वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत और चीन पर आरोप लगाया कि दोनों देश रूस से ऊर्जा खरीदकर यूक्रेन युद्ध की वित्तीय सहायता कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “चीन और भारत का रूस से तेल खरीदना उनकी नीति के लिए नकारात्मक है। उन्हें तुरंत यह प्रक्रिया रोकनी चाहिए।”

