Table of Contents
📌 गांडीव लाइव डेस्क:
लोहरदगा में डायन-बिसाही के शक में तीन लोगों की हत्या
लोहरदगा जिले के पेशरार थाना क्षेत्र के केकरांग बर टोली गांव में एक नृशंस अपराध ने पूरे राज्य को हिला दिया है। यहां पति, पत्नी और उनके 9 वर्षीय बेटे की हत्या सिर्फ इस शक के आधार पर कर दी गई कि वे डायन-बिसाही हैं। इस घटना पर झारखंड उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है।
मुख्य न्यायाधीश का त्वरित हस्तक्षेप
झालसा (झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण) के कार्यकारी अध्यक्ष, न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने इस घटना को अत्यंत गंभीर मानते हुए लोहरदगा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राजकमल मिश्रा को तत्काल आवश्यक निर्देश दिए हैं। ये निर्देश पुलिस अधीक्षक, सादिक अनवर रिजवी और एसडीपीओ, वेदांत शंकर के साथ बैठक करने के लिए थे, ताकि पूरे मामले की विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सके।
घटनास्थल का दौरा और सहायता का प्रावधान
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य रिपोर्ट तैयार करना और उसे झालसा, रांची को भेजना था। न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद के आदेश के तहत, पीड़ित परिवार को त्वरित राहत के रूप में ₹20,000 की आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई है।
पीड़ित परिवार की सहायता में DALSA की पहल
डालसा सचिव, राजेश कुमार ने पेशरार के बर टोली गांव जाकर पीड़ित परिवार की सुखमनिया कुमारी को यह सहायता राशि चेक के रूप में सौंपी। इस मौके पर परिवार के अन्य सदस्य और डालसा की टीम के कई सदस्य मौजूद थे।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
हालांकि कुछ दिन पहले केकरांग बर टोली गांव में अंधविश्वास के चलते किए गए इस जघन्य कृत्य की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है, जिससे न्याय की उम्मीद बंधी हुई है।
इस घटना ने समाज में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है, ताकि भविष्य में ऐसे दुष्कृत्यों को रोका जा सके।
Have any thoughts?
Share your reaction or leave a quick response — we’d love to hear what you think!