लखनऊ के कोर्ट में घटी घटना
कोर्ट में सुरक्षा को लेकर वकीलों का हंगामा
सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट रूम में गवाह कटघरे में हुई हत्या
जज सुनवाई कर रहे थे तभी हमला हुआ
जीवा के साथ मौजूद पुलिस वाले भागे
कोर्ट में मौजूद वकीलों ने हमलावर को पकड़ा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पुलिस कस्टडी में लोगों की हत्या का आज तीसरा बड़ा मामला सामने आया है। अब राजधानी लखनऊ के कोर्ट परिसर में कुख्यात गैंगस्टर संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। गैंगस्टर जीवा को पेशी पर कोर्ट लाया गया था। जीवा के अलावा इस कांड में दो और लोग घायल बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, एक ही हमलावार ने गैंगस्टर संजीव जीवा पर गोली चलाई। गोली कोर्ट रूम के अंदर चलाई गई, जब जीवा गवाही वाले कटघरे में खड़ा था। हमलवार वकील की वेशभूषा में आया था। फिलहाल, इस पूरे कांड से प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। खासकर कोर्ट की सुरक्षा को लेकर।
मुख्तार अंसारी का खास था जीवा
संजीव जीवा का पूरा नाम संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा है। जीवा को पश्चिमी यूपी के बड़े गैंग्स्टरों में गिना जाता था। वह बाहुबली माफिया रहे मुख्तार अंसारी का खास भी था। जीवा भाजपा के बड़े नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी और कृष्णानंद राय की हत्या में भी शामिल रह चुका था। उसपर लूट-उगाही और हत्या के कई मामले दर्ज थे। इस समय जीवा साल 2017 में एक कारोबारी की हत्या के मामले में लखनऊ की जेल में बंद था। इस हत्याकांड में जांच के बाद कोर्ट ने जीवा समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
लोग सवाल उठा रहे हैं कि, यूपी में पुलिस सुरक्षा के बीच भी लोगों की हत्या कैसे हो जा रही है? क्योंकि पिछले दिनों पहले प्रयागराज में पुलिस सुरक्षा में सरकारी गवाह उमेश पाल की सड़क पर हत्या कर दी गई और इसके बाद फिर इसी कांड में आरोपी माफिया अतीक़ अहमद और अशरफ़ अहमद पर पुलिस सुरक्षा में ताबड़तोड़ गोलियां चल गईं और उनकी जान चली गई।
फ़िलहाल, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का इस पूरे कांड पर बयान सामने आया है। मौर्य का कहना है कि, कोई भी हत्या करेगा तो वो बचेगा नहीं। उत्तर प्रदेश की पुलिस उसे पकड़ेगी और कानून के हिसाब से उसे सजा दी जाएगी।