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भारतीय टेस्ट टीम की चुनौतियाँ: साउथ अफ्रीका के खिलाफ पिछड़ती स्थिति
नई दिल्ली: भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम वर्तमान में एक मुश्किल दौर से गुजर रही है। हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में 0-3 की हार के बाद, अब टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की श्रृंखला में 0-1 से पिछड़ गई है।
विराट कोहली के बिना बदल गया टीम का स्वरूप
पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज श्रीवत्स गोस्वामी ने अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए कहा है कि मौजूदा टीम में वह “जीतेवर” और “जीतने की आग” कमी महसूस हो रही है, जो विराट कोहली के नेतृत्व में स्पष्ट थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “आदर्श तो यही होता कि विराट वनडे क्रिकेट छोड़कर टेस्ट क्रिकेट खेलते, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट को उनकी बहुत आवश्यकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह सिर्फ बल्लेबाजी की बात नहीं है, बल्कि उस जुनून और देश के लिए खेलने के जज्बे की है, जिसने टीम को यह विश्वास दिलाया कि वे किसी भी स्थिति में मैच जीत सकते हैं। विराट कोहली के नेतृत्व में टीम में जो जीतने की भूख थी, वह अब नहीं दिखती।”
घरेलू मैदान पर हार का निरंतर सिलसिला
पिछले एक वर्ष में भारतीय टीम अपने घरेलू मैदान पर लगातार हार का सामना कर रही है। न्यूजीलैंड ने भारत में 36 वर्षों में पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीती। अब साउथ अफ्रीका भी पहली बार भारत में द्विपक्षीय टेस्ट श्रृंखला जीतने के करीब है।
गुवाहाटी में चल रहे टेस्ट में साउथ अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 489 रन बनाए, जबकि भारत केवल 201 रन पर आउट हो गई। खेल खत्म होने तक, साउथ अफ्रीका ने बिना विकेट खोए 26 रन जोड़ लिए हैं और उनकी समग्र बढ़त 314 रन की हो चुकी है।
कोहली युग की भूख मिटाने की यादें
विराट कोहली ने दिसंबर 2014 में टेस्ट कप्तानी का कार्यभार संभाला और 2022 तक 68 टेस्ट में अपनी कप्तानी में भारत ने 40 मैच जीते, 17 मैच हारे और 11 मैच ड्रॉ रहे। इस दौरान, उनकी कप्तानी में केवल दो टेस्ट हार भारत के घर में हुई थीं।
उस समय, टीम हर मैच में जीतने का इरादा लेकर मैदान में उतरती थी, न कि केवल बचाव के लिए। यही जज़्बा था जिसने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसकी धरती पर दो बार श्रृंखला जीतने में मदद की।
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