मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार सीए सुमन कुमार सिंह के कई पार्टनर्स से पूछताछ में ईडी को बड़ा सुराग मिला है। ईडी को इस पूछताछ में पता चला है कि CA सुमन कुमार के ठिकानों से जब्त 19।76 करोड़ रुपये फर्म या टैक्स पेयर्स के नहीं हैं। अब सवाल है कि यह पैसे किसके हैं, कहां से आये थे और कहां जाने वाले थे ?
ईडी इस सवाल का जवाब तलाश रही है लेकिन सुमन ने इडी को दिये गये बयान में जब्त रुपयों का एक हिस्सा जिला खनन पदाधिकारियों से मिलने की बात स्वीकार कर ली थी। साथ ही पीएमएलए की धारा-50 के तहत अपना बयान दर्ज कराया था। बाद में सीए ने पीएमएलए कोर्ट में एक आवेदन देकर दावा किया था कि पैसा उसके फर्म और उसके क्लाइंट के हैं। इडी ने मारपीट कर उससे जबरन बयान दिलवाया है। इस दावे के बाद ईडी ने इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की है। ईडी ने जांच में यह पाया है कि सुमन कुमार द्वारा इस सिलसिले में किया गया यह दावा पूरी तरह गलत है।
सीए सुमन कुमार के सात पार्टनरों ने इडी को दिये अपने बयान कहा है कि मनरेगा घोटाले में छापामारी के दौरान सीए सुमन कुमार के ठिकानों से इडी ने 19.76 करोड़ रुपये टैक्स के लिए नहीं थे। इडी ने जिन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था उनमें राहुल गौतम, अभिषेक कुमार जैन, प्रशांत कुमार, दीपक जावा, हरिकांत वत्स, अनीस जैन और जय प्रकाश झा शामिल हैं। सभी पार्टनर्स ने यह बात स्वीकार की है कि फर्म में आयकर, वाणिज्यकर आदि का रिटर्न दाखिल करने का काम किया जाता है। इन कार्यों के लिए फीस के रूप में छोटी रकम नकद ली जाती है। फर्म में किसी भी टैक्स पेयर से भारी नकद राशि वो भी कैश कभी नहीं ली जाती।
सुमन के ठिकानों से जब्त रुपयों का संबंध फर्म या किसी क्लाइंट से नहीं है। किसी भी पार्टनर को इस बात की जानकारी नहीं है कि नकद के रूप में इतनी बड़ी रकम कहां से आयी इन रुपयों के क्लाइंटों के होने की बात पूरी तरह गलत है। इस पूछताछ के बाद ईडी के पास अब सीए सुमन कुमार के बयान के खिलाफ कड़े सबूत जमा हो गये हैं।