15 दिन पहले ही पड़ोसी ने खोद ली थी कब्र, जमीन-पैसा हड़पना था उद्देश्य
चाईबासा। तांतनगर ओपी के सिदमा गांव में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या की पूरी कहानी कई माह पहले ही रच ली गई थी। हत्या कर दफनाने को कब्र भी 15 दिन पहले ही तैयार कर ली गयी थी। यह पूरी कहानी किसी क्राइम पेट्रोल सीरियल से कम नहीं है। सिदमा गांव का 60 वर्षीय जगदीश रजक अपने परिवार के साथ रहता था। उसके साथ पत्नी शारदा देवी व 17 वर्षीय पोता राज रजक रहता था जबकि बेटे की मौत कुछ साल पहले हुई थी। हत्या करने की पूरी रणनीति के साथ पड़ोसी विकास बेहरा अपने दोस्त को जगदीश रजक के पास पहले पुजारी बना कर भेजा। फिर उनको घर में पूजा कराने की सलाह दी। इसके बाद हत्या वाले दिन 22 मई की रात में घर पर पूजा करने की तैयारी की गई। सभी पूजा करने के लिए घर में मौजूद थे। इसी दौरान मौका देखकर घर में ही तीनों की हत्या कर दी गई। हत्या के बाद विकास के छोटा हाथी में तीनों के शव को रख कर मुफस्सिल थाना के छोटा लगिया में दफना दिया गया। जगदीश रजक के परिवार को हत्या कर कैसे घटना स्थल से लगभग 50 किलो मीटर दूर दफनाना है। इसकी तैयारी पहले ही करते हुए मुफस्सिल थाना के छोटा लगिया जंगल में एक गड्ढा खोद कर तैयार कर ली गयी थी। हत्या करने की रात को ही तीनों को छोटा हाथी वाहन में लाद कर तांतनगर से चाईबासा होते हुए छोटा लगिया के पहले से तैयार जंगल ले जाया गया। वहीं रात में ही तीनों के शव को दफना कर वापस अपने घर लौटे आये। उसके बाद पुलिस को दिग्भ्रमित करने के लिए के जगदीश के मोबाइल को ओडिशा के खिचिंग में फेंक दिया था। जिससे पुलिस का ध्यान ओडिशा की ओर चला जाये। इसके बाद जगदीश के पूरे परिवार के साथ गायब होने की जानकारी सभी को हुई तो विकास बेहरा अपने परिवार के साथ घर छोड़ कर गायब हो गया। इसके बाद पुलिस ने पूरी रणनीति तैयार कर विकास के दोनों पत्नी व दोनों सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया। विकास ने यह सोच कर घटना को अंजाम दिया था कि 10-12 साल बाहर रहने के बाद पुलिस का मामला खत्म हो जायेगा। उसके बाद जगदीश रजक की पूरी जमीन हड़प ली जायेगी।