Table of Contents
संजय मिश्रा: संघर्ष से सफलता की ओर
नई दिल्ली। बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता संजय मिश्रा ने अपने संघर्षों से जो सफलता हासिल की है, वह आज लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है। एक समय था जब संजय मिश्रा ने फिल्मों को छोड़कर ढाबों में काम किया और आर्थिक तंगी का सामना किया। लेकिन किस्मत ने उनकी जिंदगी में एक नया मोड़ लाया, और आज वे करोड़ों के मालिक हैं।
फिल्मों से ढाबे की ओर का कठिन सफर
संजय मिश्रा का करियर एक समय में रुक सा गया था। फिल्मों में काम मिलना बंद हो गया और आर्थिक हालात खराब होने लगे। इसी बीच, उनके पिता का निधन भी हुआ, जिससे मुश्किलें और बढ़ गईं। मुश्किल समय में संजय ने मुंबई छोड़ने का निर्णय किया और ऋषिकेश चले गए। यहाँ उन्होंने रोडसाइड ढाबों पर काम किया, ऑमलेट बनाए और बर्तन धोए। कहा जाता है कि उन्हें 50 कप धोने के बदले केवल 150 रुपये मिलते थे। संजय को उस वक्त लगने लगा था कि शायद अब उनका अभिनय का सपना पूरा नहीं होगा।
किस्मत ने बदल दी कहानी
इसी संकट में संजय की जिंदगी में एक फोन कॉल ने उनकी किस्मत पलट दी। प्रसिद्ध निर्देशक रोहित शेट्टी ने उन्हें फिल्म ‘ऑल द बेस्ट’ के लिए बुलाया। भले ही उनका रोल छोटा था, लेकिन यही मौका संजय के लिए एक नई शुरुआत साबित हुआ। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
200 से अधिक फिल्मों में प्रदर्शन
रोहित शेट्टी की फिल्म के बाद संजय मिश्रा ने लगातार फिल्मों और थिएटर में काम जारी रखा। उन्होंने 200 से अधिक फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया और कॉमेडी के साथ-साथ गंभीर भूमिकाओं में भी गहरी छाप छोड़ी। ‘आंखों देखी’, ‘मसान’, ‘कामयाब’, ‘वध’ और ‘कड़वी हवा’ में उनके शानदार प्रदर्शन की सराहना हुई। वहीं, ‘भूल भुलैया 2’, ‘सन ऑफ सरदार’ और ‘हीर एक्सप्रेस’ जैसी व्यावसायिक फिल्मों में भी वे दर्शकों के प्रिय बने।
आर्थिक रूप से सफल
आज संजय मिश्रा न केवल एक उत्कृष्ट अभिनेता हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी बेहद मजबूत हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति लगभग 149 करोड़ रुपये है। हाल ही में, उन्होंने मुंबई के मढ़ आइलैंड में 4.95 करोड़ रुपये का सी-फेसिंग लग्जरी फ्लैट खरीदा है, जहाँ उन्होंने लाखों रुपये की स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस भी चुकाई। अब वे कार्तिक आर्यन और आयुष्मान खुराना जैसे सितारों के पड़ोसी बन चुके हैं।
संघर्ष से प्रेरणा
संजय मिश्रा की कहानी इस बात का प्रमाण है कि चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, मेहनत और坚持 से सफलता अवश्य मिलती है। ढाबे में बर्तन धोने से लेकर करोड़ों की संपत्ति की स्वामित्व तक पहुँचने वाले संजय आज भी अपनी सादगी और अभिनय के लिए जाने जाते हैं। उनकी जिंदगी हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है, खासकर उन लोगों के लिए जो मुश्किल समय में हार मानने के कगार पर हैं।
Have any thoughts?
Share your reaction or leave a quick response — we’d love to hear what you think!