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📌 गांडीव लाइव डेस्क:
रांची (झारखंड): शराब घोटाले के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने पूर्व उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव रहे आईएएस अधिकारी मुकेश कुमार से पूछताछ की है। ऐसी जानकारी सामने आई है कि मुकेश कुमार से दो ठेका प्लेसमेंट एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई न करने के संदर्भ में सवाल किए गए।
फर्जी बैंक गारंटी पर दी गई थी मैनपावर
जानकारी के अनुसार, ये प्लेसमेंट एजेंसियां—मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स विजन हास्पिटालिटी सर्विसेज—राज्य की खुदरा शराब दुकानों में मैनपावर आपूर्ति करने के लिए फर्जी बैंक गारंटी का उपयोग कर रही थीं। एसीबी ने मुकेश कुमार से सवाल किया कि इसके बावजूद इन्हें कार्रवाई का सामना क्यों नहीं करना पड़ा।
राज्य को हुआ 38 करोड़ का नुकसान
दोनों एजेंसियों ने झारखंड राज्य बेवरेजेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के तहत शराब की दुकानों में मैनपावर की आपूर्ति के लिए ठेका लिया था। फर्जी बैंक गारंटी के कारण राज्य सरकार को 38 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। एसीबी इस घोटाले की जांच के दौरान संबंधित सभी व्यक्तियों से बारी-बारी से पूछताछ कर रही है।
पूछताछ के लिए तैयार किए गए प्रश्न
शराब घोटाले की जांच में, पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे के करीबी सहयोगी विनय सिंह की गिरफ्तारी के बाद, उनके ठिकानों से मिले दस्तावेजों के आधार पर एसीबी ने सवाल बनाए हैं। इस संदर्भ में पूछताछ का सिलसिला जारी है। इससे पूर्व, एसीबी ने पूर्व सचिव आईएएस मनोज कुमार से भी पूछताछ की थी।
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