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📍 क्या है मामला?
रांची स्थित हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) पर एक पुराने भुगतान विवाद में बड़ी कार्रवाई की गई है। कामर्शियल कोर्ट के आदेश पर सोमवार को हटिया के केनरा बैंक में एचईसी का बैंक खाता फ्रीज कर दिया गया। कार्रवाई सिविल कोर्ट के नाजिर जीशान इकबाल के नेतृत्व में की गई।
📅 मामला कब और कैसे शुरू हुआ?
यह विवाद वर्ष 1980 में शुरू हुआ, जब एसजी इंटरप्राइजेज को एचईसी में ऑक्सीजन प्लांट संचालित करने का कार्यादेश मिला था। कंपनी ने ₹5 लाख की सिक्योरिटी डिपॉजिट भी जमा की थी, लेकिन एचईसी ने भुगतान नहीं किया।
⚖️ कानूनी प्रक्रिया क्या रही?
- साल 2000 में एसजी इंटरप्राइजेज ने आर्बिट्रेटर के समक्ष दावा किया।
- आर्बिट्रेटर ने एचईसी को ₹28 लाख चुकाने का आदेश दिया।
- एचईसी ने इसे भी नहीं माना, जिसके बाद मामला कामर्शियल कोर्ट पहुंचा।
🧑⚖️ कोर्ट का क्या आदेश आया?
स्पेशल जज चंद्रभानु कुमार की अदालत ने सभी पक्षों की सुनवाई के बाद एचईसी को ब्याज सहित ₹2.85 करोड़ चुकाने का आदेश दिया।
इसके बाद एसजी इंटरप्राइजेज की वकील अल्पना अर्मन ने बैंक खाता फ्रीज करने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने मंज़ूर कर लिया।
❌ अब क्या होगा?
कोर्ट के आदेश के अनुपालन में अब एचईसी के बैंक खातों से कोई लेन-देन संभव नहीं होगा, जब तक कि बकाया राशि का पूरा भुगतान नहीं हो जाता।
📌 यह मामला सरकारी उपक्रमों में अनुशासन और पारदर्शिता की जरूरत को उजागर करता है।

