रांची | देवघर एयरपोर्ट में नाइट टेक ऑफ या लैंडिंग की सुविधा नहीं होने के बावजूद शाम में चार्टर्ड प्लेन उड़ा कर दिल्ली जाने से संबंधित मामले में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई सोमवार को झारखंड हाइकोर्ट में हुई. कोर्ट ने मामले को लेकर देवघर कुंडा थाने में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आदेश दिया. इससे सांसद निशिकांत दुबे उनके दो पुत्रों सांसद मनोज तिवारी, डायरेक्टर एयरपोर्ट अथॉरिटी समेत नौ लोगों को बड़ी राहत मिली है. हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. पूर्व में कोर्ट ने मामले में देवघर डीसी, कुंडा थाना प्रभारी, डीएसपी सिक्योरिटी इंचार्ज देवघर एयरपोर्ट को नोटिस जारी किया था.
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव और पार्थ जालान ने पैरवी की. पूर्व की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर बताया गया था कि उस दिन सनसेट का टाइम 6:03 था. फ्लाइट उसके आधा घंटा बाद उड़ सकती है ऐसा रूल है. जबकि प्रार्थी की फ्लाइट 6 बज कर 17 मिनट पर उड़ी है. 6:33 मिनट तक प्लेन को उड़ाया जा सकता था. सनसेट के आधे घंटे बाद भी टेक ऑफ हो सकता है.
झारखंड पुलिस ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे उनके दो पुत्रों, सांसद मनोज तिवारी समेत 9 लोगों के खिलाफ देवघर एयरपोर्ट सुरक्षा में चूक मामले में देवघर के कुंडा थाना में कांड संख्या 169/ 2022 दर्ज की थी. इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने एयरपोर्ट के एटीसी में जबरन प्रवेश किया और क्लीयरेंस लेने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया. मामला 31 अगस्त 2022 का बताया जा रहा है. गोड्डा से लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे, अपने दो बेटों (कनिष्क कांत दुबे और माहिकांत दुबे ) सांसद मनोज तिवारी, मुकेश पाठक, देवता पांडेय, पिंटू तिवारी समेत 9 लोगों के साथ देवघर आए थे. आरोप है कि शाम में वापसी के दौरान उन्होंने जबरन क्लीयरेंस लिया, जबकि देवघर एयरपोर्ट में नाइट टेक ऑफ या लैंडिंग की सुविधा नहीं है.