रांची के स्लॉटर हाऊस, ड्रेनेज सिस्टम और नक्सा रेगुलाइज मामले से सदन गूंजा

by Aaditya HridayAaditya Hriday

प्रदीप यादव ने कहा कि हरमू नदी में 85 और स्लाटर हाउस में 17 करोड़ लगा, कार्य अधूरी
रांची। हरमू नदी में 85 करोड़, अर्बन हाट निर्माण में 5 करोड़, स्लाटर हाउस के लिए 17 करोड़, टाइम स्क्वायर में 22 करोड़ और सीवरेज ड्रेनेज के नाम पर हुए 100 करोड़ खर्च का मामला आज सदन में उठाया गया। विधानसभा शीतकालीन सत्र में प्रश्न काल आज बहुत ही गरमा-गरम रहा। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने इस मांग को लेकर एक उच्चस्तरीय कमेटी या विधानसभा की कमेटी बनाकर जांच की मांग की। विधायक प्रदीप यादव प्रभारी मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और सीएम से बात करके सत्र के दौरान ही इसकी घोषणा करने की मांग की। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि शहर के विकास के लिए नगर विकास विभाग की एक योजना पूरी नहीं हुई हैं। चाहे वह स्लॉटर हाऊस का मामला हो, या अरबन हॉट या फिर हरमू नदी का। मांस के खुदरा विक्रेताओं के लिए आघात है। जब इसके लिए रेगुलेशन नहीं लाए। शलॉटर हाऊस शुरू नहीं हुआ तो फिर इसे क्यों. 17 करोड़ क्यो। स्लॉटर हाऊस बना, मगर शुरू नहीं हुआ। इसका समाधान किया जाए। इनके पदाधिकारी बताएं क्या मामला है। श्री यादव ने कहा कि हरमू नदी में 85 करोड़ अर्बन हाट निर्माण में, 5 करोड़ स्लाटर हाउस में 17 करोड़, टाइम स्क्वायर 22 करोड़, सीवरेज ड्रेनेज के नाम पर 100 करोड़ खर्च हुए। एक आॅडर और रेगुलेशन के कारण शुरू नहीं होना बहुत दुखद है। कब तक शुरू होगा। कब जारी होगा रेगुलेशन। उन्होंने पूछा कि अरबन हाट का काम किस कारण से रोका गया. यह काम कब पूरा होगा।

चालू वित्तीय वर्ष में इसका होगा निबटारा : सत्यानंद भोक्ता

प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में इसका निबटारा होगा। प्रदीप यादव मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा कि सरकार एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाए या फिर विधानसभा की सर्वदलीय कमेटी बनाएं। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री से बात करके इसके समाधान की दिशा में काम शुरू होगा। प्रदीप यादव ने कहा कि इस सवाल का जवाब देने से पहले सीएम से बात क्यों नहीं किए। यह पूरी सरकार की जिम्मेवारी है। एक सीएम का मामला नहीं है। इन पैसे का लाभ जनता को मिले। विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि 2 लाख में 10 हजार का नक्सा पास है। नगर निगम बार-बार नोटिस दे रही है। इसके नियमतीकरण का सरकार विचार करे।

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