जीएसटी वृद्धि के प्रस्ताव का कपड़ा व्यापारियों ने किया विरोध, रहे हड़ताल पर

by Aaditya HridayAaditya Hriday
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नए साल से कपड़ा में जीएसटी 5 से बढ़ाकर 12 फीसदी के प्रस्ताव से है नाराज
रांची। नए साल में कपड़े पर जीएसटी की नई दर लागू किए जाने के सरकार के निर्णय का झारखंड के कपड़ा व्यापारियों ने विरोध किया है। सरकार द्वारा जीएसटी वृद्धि को 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के प्रस्ताव का झारखंड के कपड़ा व्यापारी विरोध कर रहे है। इस निर्णय के खिलाफ राज्य भर के कपड़ा व्यापारी आज हड़ताल पर रहे। कपड़े पर जीएसटी बढ़ाए जाने के विरोध में व्यापारियों ने दोपहर 12 बजे तक अपनी अपनी दुकानें बंद रखीं। बाद में काला बिल्ला लगाकर दुकान खोली और कपड़े पर जीएसटी बढ़ाने का विरोध किया। राज्य सरकार और केंद्र के प्रतिनिधित्व वाली जीएसटी काउंसिल ने 01 जनवरी 2022 से सभी तरह के वस्त्रों पर जीएसटी को 05% से बढ़ा कर 12% करने का फैसला किया है। जिससे देशभर के कपड़ा व्यवसायी नाराज हैं। इसके विरोध में झारखंड के 22 हजार से ज्यादा कपड़ा व्यवसायियों ने अपनी प्रतिष्ठानों (दुकानों) को 12 बजे तक बंद रखा और जीएसटी परिषद के फैसले का विरोध किया। बाद में दुकानें खोलीं लेकिन काला बिल्ला लगाकर केंद्र सरकार से कपड़े पर जीएसटी पहले जैसा ही 5% रखने की मांग की। झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के आह्वान पर आज अपर बाजार में थोक, खुदरा और रेडीमेड कपड़ा व्यवसायी इकट्ठा हुए। सभी ने जीएसटी बढ़ाने का विरोध किया। व्यापारी बैनर पोस्टर लेकर प्रदर्शन किये। व्यापारियों ने सवाल किया कि आखिर केंद्र सरकार इंसान की मूलभूत जरूरतों में से एक कपड़े पर जीएसटी क्यों बढ़ा रही है। जिससे महंगाई बढ़ेगी और कपड़ा महंगा हो जाएगा। झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र अरोड़ा, सचिव कमल जैन, रांची खुदरा वस्त्र विक्रेता संघ के रतन मोदी ने कहा कि कपड़े पर जीएसटी बढ़ाने का विरोध इसलिए जरूरी है। क्योंकि पहले से ही कोरोना की वजह से जनता और व्यवसायियों की आर्थिक स्थिति खराब है। इधर वस्त्र को 05 % की जगह 12% जीएसटी वाले स्लैब में डाल दिया जाएगा तो दोनों पर खराब असर पड़ेगा।

कपड़ा व्यवसायी राज्य के वित्त मंत्री को सौंपेगे ज्ञापन
प्रकाश चंद्र अरोड़ा ने बताया कि कोरोनाकाल में एक ओर जहां कपड़ा व्यवसाय बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। महंगाई चरम पर है। ऐसे में राज्य के कपड़ा व्यवसायियों की भावना से केंद्र को अवगत कराने के लिए वे झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव को ज्ञापन सौंपेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना और लाकडाउन के कारण पिछले दो वर्षो से कपड़ा व्यवासायी परेशान है। बाजार मंदा है, कपड़े की बिक्री घट गई है, उपर से जीएसटी बढ़ाए जाने से सभी कपड़ा व्यापारी परेशान है।

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