लंबे समय बाद बच्चों को मिला पूजा करने का अवसर, पंडालों में संगीत पर झूमें
रांची। आज सरस्वती पूजा पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। शहर में सरस्वती पूजा की घूम है। छात्रों और बच्चों की समूह शहर में जगह जगह पंडाल बनाकर माता सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना किये। कोरोना संकट के कारण लंबे समय के बाद छात्रों और बच्चों को सरस्वती पूजा करने का अवसर मौका मिला है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चें और बड़े पूरे उत्साहित के साथ पंडालों का भ्रमण करते देखे गए। जगह जगह पंडलों में बच्चों को साउंड सिस्टम में नाचते-थिरकते हुए देखा गया। आचार्य प्रणव ने बताया वसंत पंचमी के दिन ज्ञान, वाणी और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा आराधना विधि-विधान के साथ की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष वसंत पंचमी माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी पांचवें दिन मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार सरस्वती पूजा मनाने के लिए इस बार 5 फरवरी को वसंत पंचमी त्रिवेणी योग है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 5 फरवरी की सुबह 3 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी। जो कि अगले दिन 6 फरवरी को सुबह 3 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। ऐसे में सुबह 7 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक सरस्वती पूजा के साथ अन्य मांगलिक कार्य का शुभ मुहूर्त रहेगा। इस तरह कुल मिलाकर 5 घंटे 28 मिनट तक का वसंत पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। जिसमें सर्वश्रेष्ठ और शुभ फलदायी पूजा करना शुभ रहेगा।
वसंत पंचमी का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार शास्त्रों में वसंत पंचमी तिथि को अबूझ मुहूर्त माना गया है। इस अबूझ मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य और पूजा करना बहुत ही मंगलकारी और फलदायी होता है। वसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
पंचांग के अनुसार देवी सरस्वती को सृष्टि, ज्ञान, संगीत, कला, ज्ञान और शिक्षा की अधिष्ठाती देवी माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार ये भी माना जाता है कि इस दिन पीला वस्त्र पहनने, माथे पर पीला चंदन लगाने और शैक्षाणिक संस्थानों में माता सरस्वती की पूजा करने का महत्व होता है।
Have any thoughts?
Share your reaction or leave a quick response — we’d love to hear what you think!