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बेहोशी की हालत में अस्पताल से भागकर लगाई फांसी

by Aaditya Hriday

धनबाद। धनबाद के बरवाअड्डा पांडेय बरवा में एक ही परिवार के चार लोगों के कीटनाशक खाने के मामले में एक और बुरी खबर है। एसएनएमएमसीएच के प्वॉइजनिंग वार्ड में भर्ती 45 वर्षीय टीपन महतो ने शनिवार की सुबह अस्पताल के बाहर एक पेड़ में गमछे से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

मरीज की आत्महत्या की सूचना सरायढेला थाने को दी गई। पुलिस ने शव को अस्पताल के आपातकालीन विभाग के मर्चरी में रखा है और मामले की जांच कर रही है।

बड़ी बेटी की भी मौत

टीपन उसकी पत्नी दुखनी देवी, बड़ी बेटी गीता देवी, छोटी बेटी सुनीता देवी को मंगलवार की सुबह जहर खाने के बाद प्वाइजनिंग वार्ड में भर्ती कराया गया था। बुधवार शाम को इलाज के दौरान टीपन की बड़ी बेटी गीता देवी की मौत हो गई थी।

इधर, शनिवार की सुबह लगभग 11 बजे टीपन अपने बेड से गायब था। वह पूरी तरह से होश में नहीं आया था। उसके गायब होने के बाद अस्पताल के कर्मचारी ने इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी लेकिन कहीं भी मरीज का पता नहीं चल पा रहा था। शाम पांच बजे उसके आत्महत्या करने की जानकारी मिली।

सूचना मिलने के बाद पुलिस ने शव को पेड़ से नीचे उतारा। टीपन पीले रंग का टीशर्ट पहना हुआ था। पुलिस इसके शिनाख्त में जुट गई। तभी पता चला कि अस्पताल से एक मरीज दिन से ही गायब है। टीपन के परिचितों को शव की पहचान करने के लिए बुलाया गया, जहां शव की पहचान कर ली गई।

अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन की लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण यह देखने को मिला कि पांच दिनों से अस्पताल में रहने के बावजूद किसी भी प्रकार की बेहतर चिकित्सकीय सुविधा चारों मरीजों को नहीं दी गई थी। शुभचिंतकों का कहना है कि इन मरीजों को किसी भी प्रकार की काउंसलिंग की व्यवस्था भी नहीं की गई।

तीन माह के बच्चे की मौत परिवार के चार सदस्यों ने खाया था जहर

टीपन महतो की बड़ी बेटी गीता का एक तीन महीने का बेटा था। बेटे की तबीयत खराब थी। 20 फरवरी वे लोग बच्चे का इलाज कराने के लिए कोलकाता ले जा रहे थे, मगर रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद उसे वापस बरवाअड्डा लाया गया और शव को शाम में दफन कर दिया गया।

बच्चा टीपन की बेटी गीता का था। रात में टीपन, उसकी पत्नी दुखिया देवी, गीता और छोटी बेटी सुनीता ने कीटनाशक खा लिया। इसके बाद उसे एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया था।

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