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रोहिणी आचार्य का सोशल मीडिया खाता 8 घंटे तक रहा बंद, अनलॉक के बाद पोस्ट vanished

by Aaditya Hriday
Published: Updated:
रोहिणी आचार्य का सोशल मीडिया अकाउंट 8 घंटे तक रहा लॉक, अनलॉक होने के बाद पोस्ट हुआ गायब

📌 गांडीव लाइव डेस्क:

पटना: बिहार के विरोधी पार्टी के नेता और आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव के भाई संजय यादव ने हाल ही में अपनी बहन रोहिणी आचार्य की सोशल मीडिया पर नाराजगी का सामना किया। रोहिणी ने अपने अधिकारियों को शांत करने के लिए कुछ पोस्ट साझा किए, जो शुक्रवार रात से चर्चा का विषय बन गए। हालांकि, शनिवार की सुबह उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट को प्राइवेट कर लिया, जिससे अन्य यूजर्स उनके द्वारा साझा किए गए पोस्ट नहीं देख सके। इससे पहले, ट्रोलर्स ने रोहिणी पर हमले किए थे। शाम को उन्होंने फिर से अपना अकाउंट अनलॉक किया, लेकिन फिर भी उनके पोस्ट देखने में समस्या रही।

संजय यादव पर उठी उंगलियाँ

रोहिणी ने पहले पोस्ट में संजय यादव को एक प्रचार रथ के संदर्भ में लक्षित किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि “प्रथम सीट हमेशा नेता के लिए ही होती है”। यह पोस्ट उन्होंने फेसबुक पर राजद समर्थक आलोक कुमार के एक पोस्ट को साझा कर किया। आलोक ने तेजस्वी यादव के रथ पर बैठे संजय की एक छवि साझा की और लिखा कि “फ्रंट सीट हमेशा शीर्ष नेता के लिए होती है और उनकी अनुपस्थिति में किसी अन्य को उस स्थान पर नहीं बैठना चाहिए।” उन्होंने सुझाव दिया कि अगर कोई खुद को शीर्ष नेतृत्व से ऊपर समझता है, तो यह एक अलग बात है।

तेजस्वी की कुर्सी पर कब्जा चाहते हैं संजय यादव, तेजप्रताप का समर्थन

रोहिणी आचार्य के समर्थन में तेजप्रताप यादव ने कहा कि उन्होंने एक बहन और बेटी के रूप में अपना कर्तव्य निभाया है और आगे भी निभाते रहने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है; मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान सबसे ऊपर है।” रोहिणी ने पिता लालू प्रसाद की छवि के साथ एक अन्य पोस्ट में लिखा, “जो अपनी जान को जोखिम में डालते हैं, उनकी हिम्मत में कोई तुलना नहीं होती।”

तेजप्रताप का रोहिणी के समर्थन में बयान

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव ने अपनी बहन रोहिणी का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “एक महिला के दृष्टिकोन से उन्होंने जो किया है, वह सराहनीय है और इसे सभी महिलाओं के लिए एक आदर्श माना जाएगा। उनकी बहनत्व की इस भावना का अपमान करने वालों पर दंड निश्चित है।”

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