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📌 गांडीव लाइव डेस्क:
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत पर कच्चे तेल के लिए उच्च टैरिफ लगाने की अमेरिकी नीति की तीखी आलोचना की है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर उन्होंने ‘डबल स्टैंडर्ड’ का आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिका रूस से बड़े पैमाने पर यूरेनियम खरीदता है। पिछले वर्ष, रूस ने अमेरिका को 800 मिलियन डॉलर का यूरेनियम बेचा, और इस वर्ष यह आंकड़ा 1.2 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पुतिन ने क्या कहा?
सोची में आयोजित इंटरनेशनल वल्दाई फोरम में, जिसमें भारत सहित 140 देशों के सुरक्षा और भू-राजनीतिक विशेषज्ञ शामिल थे, पुतिन ने यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि रूस अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा यूरेनियम सप्लायर है और जीवन यापन के लिए यूरेनियम एक आवश्यक संसाधन है। अमेरिका की न्यूक्लियर प्लांट्स को ईंधन की बड़ी मात्रा की आवश्यकता होती है, और रूस इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
ट्रंप की व्यापारिक नीतियाँ
ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसमें से 25 प्रतिशत टैरिफ रूस से कच्चे तेल की खरीद पर लगाए गए हैं। यूक्रेन के साथ हालिया संघर्ष के कारण पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाये हैं, लेकिन भारत अभी भी रूस से तेल खरीदता है, जिससे ट्रंप असंतुष्ट हैं। वे यूरोपीय देशों से भी रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की मांग कर चुके हैं।
भारत-रूस व्यापार में असंतुलन
पुतिन ने यह भी कहा कि ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से भारत को नुकसान हो रहा है, और इसकी भरपाई तेल के आयात से की जाएगी। भारत रूस से बड़े मॉडेश में कच्चा तेल खरीदता है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच व्यापार में असंतुलन बढ़ रहा है। पुतिन ने संकेत दिया है कि उनकी सरकार भारत के साथ व्यापारिक संतुलन को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने वाली है। वे सुझाव देते हैं कि रूस भारत से फार्मास्यूटिकल और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट खरीद सकता है, ताकि व्यापार में संतुलन स्थापित हो सके।

