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पुष्पा-2 फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग पर भगदड़: पुलिस ने चार्जशीट फाइल की
हैदराबाद: हैदराबाद पुलिस ने पुष्पा-2 फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में चार्जशीट दायर कर दी है। इसमें अभिनेता अल्लू अर्जुन समेत 24 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। चिक्कडपल्ली पुलिस द्वारा पेश किए गए आरोप पत्र में अल्लू अर्जुन को ए-11 और संध्या थिएटर के मालिक को ए-1 के रूप में नामित किया गया है। इसके अलावा, थिएटर प्रबंधन, अल्लू अर्जुन के प्रबंधक, निजी कर्मचारी और आठ बाउंसरों का भी नाम शामिल है।
लापरवाही से हुआ हादसा
पुलिस ने चार्जशीट में स्पष्ट किया है कि यह भगदड़ संध्या थिएटर प्रबंधन की लापरवाही के परिणामस्वरूप हुई। मामले की जांच में पाया गया कि अल्लू अर्जुन के दर्शकों की भारी भीड़ को देखते हुए उचित व्यवस्था नहीं की गई। इस घटना के कारण थिएटर मालिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 304-ए (लापरवाही से मौत) के तहत आरोप लगाया गया है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, अल्लू अर्जुन को एक आरोपी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था, यह दर्शाते हुए कि भीड़ के खतरे के बावजूद उन्होंने अपनी यात्रा जारी रखी।
प्रीमियर स्क्रीनिंग के दौरान मची भगदड़
ज्ञात हो कि 4 दिसंबर, 2024 को हैदराबाद के आरटीसी एक्स रोड्स पर प्रीमियर स्क्रीनिंग के दौरान अल्लू अर्जुन को देखने के लिए भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। इस भगदड़ में 35 वर्षीय महिला रेवती की मृत्यु हो गई, जबकि उसके नाबालिग बेटे श्रीतेज को ऑक्सीजन की कमी के कारण गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ा। जांच के दौरान पाया गया कि यह घटना प्रबंधन की लापरवाही और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन न करने के कारण हुई।
थिएटर प्रबंधन और सुरक्षा मुद्दे
अभिनेता की उपस्थिति की जानकारी होने के बावजूद, थिएटर प्रबंधन ने उचित भीड़ नियंत्रण उपाय लागू नहीं किए। चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि अल्लू अर्जुन को उच्च जोखिम वाली स्थिति में अपने कार्यक्रम को आगे बढ़ाने और स्थानीय अधिकारियों के साथ उचित समन्वय न करने के लिए नामित किया गया है।
इस पूरी घटना में शामिल 24 व्यक्तियों की सूची में अल्लू अर्जुन के निजी प्रबंधक, उनके स्टाफ और आठ बाउंसर भी शामिल हैं। पुलिस रिपोर्ट में कई सुरक्षा चुकों का उल्लेख किया गया है, जैसे कि वीआईपी मेहमानों के लिए अलग प्रवेश और निकास की व्यवस्था का न होना। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि पुलिस ने सुरक्षा चिंताओं के कारण अभिनेता की उपस्थिति की अनुमति देने से मना कर दिया था।
जांचकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि सुरक्षा टीमों की गलत आवाजाही और भीड़ के लिए किए गए इशारों ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। थिएटर मालिकों पर आईपीसी की धारा 304-ए के अलावा कई अन्य धाराओं के तहत भी आरोप लगाए गए हैं, जिसमें चोट लगने और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने का भी आरोप शामिल है।
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