Home » वैट की दर 5% कम करने की मांग को लेकर बंद रहे राज्य के पेट्रोल पंप

वैट की दर 5% कम करने की मांग को लेकर बंद रहे राज्य के पेट्रोल पंप

by Aaditya Hriday
Gandiv Live Breaking News

सुबह 6 से शाम 6 बजे तक 12 घंटें का किया गया है हड़ताल का अह्वान
सरकारी विभागों का 35 से 40 करोड़ का बकाया की मांग कर रहे है संचालक

रांची। पेट्रोल और डीजल में वैट कम करने की मांग को लेकर झारखंड पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अह्वान में आज पेट्रोल पंप बंद रहे। 12 घंटे के हड़ताल के मद्देनजर आज सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक पेट्रोल पंपों पर ताला लटका रहा। इस दौरान डीजल, पेट्रोल और सीएनजी गैस की खरीद बिक्री नहीं हो सकी। झारखंड पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने बताया कि हड़ताल शाम 6 बजे के बाद समाप्त हो जाएगा। इसके बाद पेट्रोल पंप लोगों के लिए खो दिया जाएगा। एक दिन के हड़ताल से सरकार को लगभग 10 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। अशोक सिंह ने बातचीत में बताया कि एसोसिएशन पिछले 15 दिनों से सरकार से राज्य में वैट कम करने की मांग कर रहा है। इससे सरकार को भी फायदा होगा लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक इसक पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। हड़ताल के कारण राजधानी रांची में लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। बड़ी संख्या में लोग पेट्रोल-डीजल के लिए एक पेट्रोल पंप से दूसरे पेट्रोल पंप का चक्कर लगा रहे हैं। इसका खामियाजा यात्री वाहनों के साथ मालवाहक वाहनों पर भी पड़ रहा है। हालांकि बंदी के मद्देनजर बड़ी संख्या में लोगों ने सोमवार शाम को अपनी जरूरत का तेल भरवा लिया था। इसके कारण शाम को ही पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई थी। एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह राज्य में वैट में 5% घटाकर 22 से 17% करने की मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि बंगाल और बिहार में वैट 17% से कम है। इसके कारण राज्य के बड़े ग्राहक यहां शिफ्ट हो गए हैं। ऐसा करने से वे वापस अपने राज्य में आ सकते हैं। अशोक सिंह ने बताया कि विभिन्न विभागों का लगभग 35-40 करोड़ रुपए का बकाया है। ये 3-4 महीने पुराना है। इसका अविलंब भुगतान किया जाए। इसके साथ ही बकाया भुगतान का एक रुटीन फिक्स कर दिया जाए। कि 15 दिन के अंदर भुगतान कर दिया जाएगा। अगर इससे ज्यादा देरी होती है तो बैंक से लगने वाले चार्ज का भुगतान भी विभाग करेगा। इसके साथ ही ये मिलावटों तेलों का राज्य में बिक्री का भी विरोध कर रहे हैं।

एसोसिएशन का कहना है कि वैट कम करने के बाद सरकार को डीजल पर हर साल घाटे की जगह 646.20 करोड़ रुपए का फायदा होगा।

Advertisement
Advertisement
Advertisement 1
Advertisement Popup
Advertisement
Advertisement

You may also like

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More