निगम से निबंधन करा कर अनुज्ञप्ति वार्षिक शुल्क भी जमा करे नहीं तो कार्रवाई
हजारीबाग। नगर निगम क्षेत्र में संचालित लॉज, हॉस्टल, धर्मशाला, विवाह भवन व बैंक्वेट हॉल के मालिकों को अब निगम से निबंधन कराना होगा। इसके लिए अनुज्ञप्ति वार्षिक शुल्क भी जमा करना होगा। इस संबंध में नगर आयुक्त प्रेरणा दीक्षित ने एक पत्र जारी किया है। इसके तहत सभी भवनों के लिए वार्षिक शुल्क अलग-अलग निर्धारित किया है। निगम के 36 वार्डों में करीब 31028 होल्डिंगधारी हैं। इन भवनों में अधिकतर हॉस्टल, लॉज समेत अन्य व्यावसायिक उपयोग किये जाते हैं। इससे नगर निगम को राजस्व का नुकसान होता है। नगर निगम द्वारा अब ऐसे भवनों को चिह्नित कर निगम से निबंधित कराने का निर्णय लिया गया है। पत्र में कहा है कि निगम क्षेत्र में लॉज, हॉस्टल, धर्मशाला, विवाह भवन चलाने वाले भवन मालिक निबंधन नहीं कराते हैं। तो वैसे मकानों को अनधिकृत घोषित करते हुए मालिकों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी। निर्मित भवन में धर्मशाला के लिए पांच हजार वर्गफीट क्षेत्रफल तक उपयोग होता है तो 1250 रुपये। 5001 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल वाले को 1975 रुपये वार्षिक शुल्क लगेगा। विवाह भवन, बैंक्वेट हॉल 5000 वर्गफीट तक 12500 रुपये, 5001 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल वाले को 18750 रुपये वार्षिक शुल्क देना होगा। लॉज के लिए एक से 10 बेड के लिए 1250 रुपये, 11 से 20 बेड के लिए 1875 रुपये, 21 से 50 बेड के लिए 2500 रुपये, 50 से अधिक बेड के लिए 3125 रुपये वार्षिक शुल्क निर्धारित है। हॉस्टल के लिए एक से 10 बेड के लिए 1000 रुपये, 11 से 20 बेड के लिए 1250 रुपये, 21 से 50 बेड के लिए 1850 रुपये और 50 से अधिक बेड के लिए 2500 रुपये वार्षिक शुल्क भुगतान करना होगा।

