रांची। झारखंड में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा अब एक ही टर्म में हो सकेगी। आब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न एक साथ पूछे जा सकेंगे या फिर सिर्फ ओएमआर शीट पर आॅब्जेक्टिव सवालों के आधार पर परीक्षा ली जा सकेगी। इसके लिए स्कूली शिक्षा व साक्षारता विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। पहले मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं दो टर्म में होनी थी। एक से 15 दिसंबर 2021 तक पहला टर्म आब्जेक्टिव और एक से 15 मई 2022 तक दूसरा टर्म होना था। बावजूद इसके अब तक पहले टर्म की परीक्षा नहीं हो सकी है। वर्तमान हालात में फरवरी में इसके होने के आसार नहीं है। कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होने के बाद भी मार्च और मई के बीच एक बोर्ड के लिए दो परीक्षा का आयोजन सही नहीं होगा। ऐसे में अब एक ही टर्म की परीक्षा हो सकेगी और इसके आधार पर ही मैट्रिक और इंटर का रिजल्ट जारी किया जा सकेगा। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने 2021 में मैट्रिक-इंटर के सिलेबस में 25 फीसदी की कटौती की थी। कुल 75 फीसदी सिलेबस को आधे-आधे दो भागों में बांटा गया था। इसमें पहले भाग की नवंबर तक पढ़ाई पूरी करने के बाद दिसंबर में ओएमआर शीट पर परीक्षा होनी थी। वहीं बचे आधे भाग का सिलेबस अप्रैल 2022 तक पूरा कराने के बाद मई में उसकी लिखित रूप से परीक्षा लेनी थी। जिन आधे सिलेबस के आॅब्जेक्टिव सवाल आने थे, उसकी पढ़ाई नवंबर में खत्म हो चुकी है और छात्र-छात्रा अब सब्जेक्टिव वाले सिलेबस के आधार पर तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना की रफ्तार कम होने और स्थिति सामान्य होने के बाद भी मार्च में पहले टर्म की ओएमआर शीट पर परीक्षा लेने से परीक्षार्थियों को परेशानी होगी। वे जिस सिलेबंस को तीन महीने पूर्व पढ़ चुके हैं उसके प्रश्न का जवाब देना होगा और इसके एक महीने के बाद फिर से अगले सिलेबस के प्रश्नों का लिखित (सब्जेक्टिव) रूप से जवाब देना होगा। ऐसे में मैट्रिक और इंटर बोर्ड के परीक्षार्थियों को अतिरिक्त दबाव झेलना पड़ सकता है। इसलिए सरकार दो टर्म की जगह एक ही टर्म में परीक्षा का आयोजन कर सकती है।
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