मल्लिकार्जुन खरगे ने इंटक में डेढ़ दशक से चल रहे असली-नकली के विवाद का किया पटाक्षेप, रेड्डी-ददई गुट को मिला मुकदमेबाजी बंद करने का निर्देश

by Aaditya HridayAaditya Hriday

ालामू। कांग्रेस के मजदूर संगठन इंटक में डेढ़ दशक से ज्यादा समय से चल रहे असली-नकली के विवाद को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पटाक्षेप कर दिया है। जी संजीवा रेड्डी के नेतृत्व वाले इंटंक को मान्यता दी गई है। साथ ही इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रेड्डी और इंटक के ददई गुट के अध्यक्ष चंद्रशेखर दुबे को निर्देश दिया गया है कि दोनों विभिन्न न्यायालयों में चल रहे मुकदमों को वापस ले लें। इंटक विवाद के निपटारे के लिए कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए डेढ़ साल पहले सोनिया गांधी ने 2 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इसमें मल्लिकार्जुन खरगे और दिग्विजय सिंह शामिल थे। दोनों ने इंटक के संबंधित पक्षों से बात कर सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। हालांकि, उनके अध्यक्ष रहते विवाद पर निर्णय नहीं किया जा सका। मल्लिकार्जुन खरगे के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि जल्द ही विवाद का निपटारा होगा। इंटक के दोनों गुटों के नेताओं ने खरगे से मिलकर निर्णय लेने की अपील की थी। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने निर्णय कर दिया है। इंटक पर फैसले की जानकारी कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है। कांग्रेस महासचिव द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इंटक का जल्द चुनाव कराने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही जी संजीवा रेड्डी और चंद्रशेखर दुबे को आपस में बैठकर तमाम समस्याओं का हल निकालने के लिए कहा गया है। ऐसा नहीं होने पर निर्णय का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। क्योंकि विभिन्न न्यायालयों में दोनों गुटों की तरफ से मुकदमे बाजी चल रही है। इस कारण कई लोक उपक्रमों ने मजदूर कमेटियों से इंटक को बाहर कर दिया है। कांग्रेस ने इंटक पर नजर रखने के लिए 5 सदस्य कमेटी बनाई गई है। इसमें तारिक अनवर, हरीश रावत, के मुरलीधरण, उदित राज और राजमणि पटेल शामिल हैं। ये इंटक में समय-समय पर होने वाले डेवलपमेंट की जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष को देंगे।

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