धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद हत्याकांड में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने आज दोषी राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.

धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद हत्याकांड में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने आज दोषी राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने इस मामले की सुनवाई ऑनलाइन की. आपको बता दें कि 28 जुलाई को उत्तम आनंद की पहली पुण्यतिथि के दिन आरोपियों को दोषी करार दिया गया था. सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा-302 और 201 के तहत दोषी ठहराया था. सजा सुनाये जाने के बाद जज उत्तम आनंद के जीजा विशाल आनंद ने कहा कि फैसले के अध्ययन के बाद हाईकोर्ट जाने या नहीं जाने का फैसला लेंगे.सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक ने शनिवार को जज उत्तम आनंद हत्याकांड में सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए दोनों दोषियों राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. आपको बता दें कि 28 जुलाई 2021 को जज उत्तम आनंद मॉर्निंग सुबह पांच बजे वॉक पर निकले थे. वे सड़क किनारे वॉक कर रहे थे, तभी रणधीर वर्मा चौक के पास एक ऑटो ने उन्हें पीछे से जोरदार टक्कर मार दी थी. इस घटना में एडीजे की मौके पर ही मौत हो गयी थी. 28 जुलाई 2022 को अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि यह साबित होता है कि दोनों ने जान-बूझकर जज उत्तम आनंद की हत्या की है. हर हत्याकांड में कोई मोटिव या इंटेंशन हो, यह जरूरी नहीं. यदि अभियुक्त यह जानता है कि उसके कार्य से किसी की मौत हो सकती है तो फिर इंटेंशन की जरूरत नहीं है.
28 जुलाई 2021 को ऑटो की चपेट में आने से जज उत्तम आनंद की मौत हो गई थी. सीबीआई के विशेष कोर्ट में न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में सुनवाई पूरी होने के बाद पिछले दिनों फैसला सुनाया गया था. दोनों को दोषी करार दिया गया था. सुनवाई के दौरान आदलत में भारी भीड़ थी. घटना के दिन जज उत्तम आनंद रणधीर वर्मा चौक के समीप मॉर्निंग वॉक कर रहे थे, तभी एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी. इलाज के दौरान एसएनएमेमसीएच में उनकी मौत हो गयी थी.
घटना के बाद ऑटो सवार भाग निकले थे. धनबाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा को गिरिडीह से गिरफ्तार किया था. बाद में पुलिस ने एक अन्य आरोपी राहुल वर्मा को भी धनबाद स्टेशन के समीप से गिरफ्तार किया था. शुरू में इसकी जांच जिला पुलिस कर रही थी. बाद में राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने जांच शुरू की थी. यह मामला उच्चतम न्यायालय भी पहुंचा था. बाद में हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की थी.
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