वामदल मिलकर जनपक्षीय विकल्प के लिए संघर्ष करे, भुवनेश्वर मेहता भाकपा

by Aaditya HridayAaditya Hriday
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रांची | 2024 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक बदलाव की ओर जा रहा है देश, मनोज भट्टाचार्य पूर्व सांसद आरएसपी,
वामदलों ने सांप्रदायिक- कार्पोरेट गठजोड़ के फासीवादी खतरे के खिलाफ अपने संघर्ष को और धारदार बनाने की घोषणा करते हुए झारखंड के जन मुद्दों पर राज्यव्यापी आंदोलन किए जाने की घोषणा की है। कन्वेंशन द्वारा वामदलों के नेतृत्व में भविष्य के कार्यक्रम के अन्तर्गत जुन माह में जिला स्तरीय संयुक्त कन्वेंशन आयोजित करने, जुलाई – अगस्त महीने में जनमुद्दो पर सभी प्रखंडों पर प्रदर्शन किए जाने. सितम्बर माह में तीन जत्था निकाल कर राज्यव्यापी अभियान चलाने और इस वर्ष के अंत में राजधानी में वामदलों की एक बड़ी गोलबंदी किए जाने की घोषणा की गई। कन्वेंशनल लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि देश में सांप्रदायिक घटनाएं लगातार घट रही है, संप्रदायिक राजनीतिक ध्रुवीकरण कर भारतीय जनता पार्टी सत्ता पर काबिज हुई है और आगे भी एजेंडा बरकरार है। इसीलिए देश में वैसे फासिस्ट पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिए वाम दलों को एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है। उन्होंने कहा इसमें अदानी अंबानी के इशारे पर केंद्र की सरकार नाच रही है । देश के सारे संपदा ओं को कारपोरेट के हवाले किया जा रहा है ।राज्य में राज्य की सरकार में भ्रष्टाचार बड़ा है । राज्य में खनिज संपदा ओं की लूट मची हुई है। राज्य के ऑफिसर सब बेलगाम हो चुके हैं। इसलिए राज्य में एक पक्षीय है, राजनीतिक विकल्प के लिए गांव के स्तर तक लाल झंडे के लोगों को जन गोलबंदी करनी चाहिए।
कन्वेंशन में यह तय किया गया कि वामदल जनता के मुद्दों पर तीखा और निर्णायक संघर्ष चलाएंगे।
कन्वेंशन का आधार पत्र माकपा के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने रखा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने कहा कि राज्य में भाजपा और झामुमो के राजनीतिक विकल्प के लिए संघर्ष करना जरूरी है। भाजपा और झामुमो दोनों ने झारखंड में को ठगा है। झारखंड में दोनों पार्टियों ने खनिज संपदा की लूट मचाई हुई है। दोनों को अंदरूनी दोस्ती है ।इसीलिए राज्य की जनता के हित में लाल झंडा के संयुक्त विकल्प बनना चाहिए और राज्य में छोटी बड़ी पार्टियों को एकजुट कर जन आंदोलन के लिए जो एजेंडा संगठनों ने बनाया है उसे नीचे तक लागू कराने के लिए सभी साथियों को आगे आना होगा।
आधार पत्र में इस बात को रेखांकित किया गया कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष और देशभक्त शक्तियों को एकजुट किए जाने के लिए वामदलों द्वारा हर संभव कोशिश की जाएगी ताकि राष्ट् विरोधी आर एस एस- भाजपा की साजिश को परास्त किया जा सके.
कंवेंशन की अध्यक्षता सात वामदलों के अध्यक्ष मंडली ने की जिसमें राजेंद्र यादव, सुरजीत सिन्हा, अनीता देवी, मोफिज साहिल, राजेन्द्र गोप, गणेश दीवान और सुमित राय शामिल थे. कन्वेंशन को आरएसपी के अखिल भारतीय महासचिव मनोज भट्टाचार्य, सीपीआई के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, माले के विधायक विनोद सिंह, भाकपा के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, माले के राज्य सचिव मनोज भक्त, पोलिट ब्यूरो सदस्य जनार्दन प्रसाद, फारवर्ड ब्लाक के अरुण मंडल, माकपा के सुखनाथ लोहरा, समीर दास, संजय पासवान
सीपीआई के पी. के. पांडे, के. डी. सिंह,, अजय सिंह, फरजाना फारुकी मासस के सुशांत मुखर्जी, आर. डी. मांझी और माले के भुवनेश्वर केवट समेत विभिन्न वामदलों के नेताओं ने संबोधित किया.
कंवेंशन द्वारा खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत सब्सिडी के तहत मिलने वाले अनाज की आपूर्ति सुनिश्चित करने, मनरेगा को खत्म करने की साजिश बंद करने, वन अधिकार कानून में कार्पोरेट परस्त संशोधन निरस्त किए जाने, विस्थापन आयोग का गठन करने और झारखंड के गौरव एचईसी को संरक्षण दिए जाने से संबधित प्रस्ताव पारित किया गया.
कंवेंशन मे जनार्दन प्रसाद द्वारा पेश किए गए एक विशेष प्रस्ताव में जिसमें महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपियों की गिरफ्तारी, मणिपुर में एथनिक टकराव रोकने, अडाणी द्वारा राष्ट्रीय संपदा की लूट को रोकने, झारखंड में भृष्ट नौकरशाहों पर लगाम लगाने, भूमि की लूट रोकने, नियोजन नीति बनाने, बढती महंगाई के अनुकूल न्युनतम मजदूरी तय करने और माब लिंचिग के शिकार हुए परिवारों को उचित मुआवजा दिए जाने तथा झारखंड के लंबित माब लिचिंग अधिनियम जिसे राजभवन ने वापस कर दिया है उसे पून:राजभवन भेजने ताकि वह कानून की शक्ल ले सके की मांग शामिल थी उसे पारित करते हुए उपरोक्त विंदुओं पर संयुक्त आंदोलन की घोषणा की गई.
कन्वेंशन में राज्य के सभी 24 जिलों से लगभग 400 वाम कार्यकताओं ने हिस्सा लिया.

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