Table of Contents
नई दिल्ली: क्रिकेट में यह एक सामान्य धारणा है कि 35 वर्ष की आयु के बाद बल्लेबाजों की गति और क्षमता कम होने लगती है। रिफ्लेक्स धीमे होने लगते हैं, और कई दिग्गज इस उम्र में खेल से संन्यास लेने का फैसला करते हैं।
लेकिन विराट कोहली ने इन धारणाओं को पूरी तरह से गलत साबित कर दिया है। 37 वर्ष की उम्र में भी उनका बल्लेबाज का अंदाज ऐसा है जो युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित कर सकता है। उम्र के साथ उनका खेल और अधिक परिपक्व और खतरनाक होता जा रहा है।
35 के बाद कोहली का कमाल
विराट कोहली ने 5 नवंबर 2023 को 35 वर्ष का सफर पूरा किया, और तब से उनके द्वारा वनडे क्रिकेट में किया गया प्रदर्शन चौंकाने वाला रहा है। कोहली ने 19 वनडे मैचों में 60.43 की औसत से 1150 से अधिक रन बनाए हैं, जिसमें 5 शतक शामिल हैं।
इसका मतलब है कि उनकी औसत 35 के बाद उनके करियर की औसत 58 से अधिक है। यह आंकड़ा अपने आप में अद्भुत है। इस उम्र में भी युवा बल्लेबाज उनकी तुलना में कहीं पीछे हैं। 35 वर्ष की उम्र के बाद सबसे अधिक औसत से रन बनाने में कोहली सबसे आगे हैं।
यहाँ टॉप-6 की लिस्ट है (35 साल के बाद वनडे में सबसे ज्यादा औसत)
- विराट कोहली (भारत) – 60.43 (19 मैच, 5 शतक)
- कुमार संगकारा (श्रीलंका) – 57.49 (71 मैच, 11 शतक)
- डेविड मलान (इंग्लैंड) – 56.55 (21 मैच, 5 शतक)
- मैथ्यू हेडन (ऑस्ट्रेलिया) – 54.25 (40 मैच, 5 शतक)
- जहीर अब्बास (पाकिस्तान) – 52.07 (33 मैच, 5 शतक)
- सचिन तेंदुलकर (भारत) – 49.19 (46 मैच, 7 शतक)
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भी 35 के बाद 49 के औसत तक पहुंचे थे, जबकि कोहली का औसत अभी 60 के ऊपर है। यह अंतर दर्शाता है कि विराट कोहली वर्तमान में किस स्तर पर खेल रहे हैं।
फिटनेस और जुनून का कमाल
कोहली की इस उम्र में शानदार फॉर्म की मुख्य वजह उनकी फिटनेस है। वह आज भी मैदान पर सबसे फुर्तीले खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं। विकेट के बीच दौड़ना, कवर ड्राइव की टाइमिंग, और पुल शॉट की ताकत, सभी में उनकी क्षमता पहले जैसी ही बनी हुई है, बल्कि उसमें और सुधार भी हुआ है।
Have any thoughts?
Share your reaction or leave a quick response — we’d love to hear what you think!