8वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को शामिल करने की मांग
रांची। राज्य के गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों का संगठन झारखंड इंडिपेंडेंट स्कूल अलायंस (जीसा) के तत्वावधान में चार सूत्री मांगों को लेकर आज विधानसभा के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया। धरना को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता जिसा के प्रदेश अध्यक्ष अविनाश वर्मा ने कहा कि राज्य के सभी निजी विद्यालयों को लॉकडाउन की अवधि में कई प्रकार के संकटों का सामना करना पड़ा है। सूबे में संचालित लगभग 15 हजार निजी स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों की पढ़ाई भी बाधित हुई है। इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। लगभग 22 महीने से बंद पड़े निजी विद्यालयों को छोड़कर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित छोटे स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब एवं मध्यम वर्ग के बच्चों के अभिभावक उक्त अवधि में शैक्षणिक शुल्क देने की स्थिति में भी नहीं रहे हैं। काफी कम मासिक शुल्क देकर अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों के सहयोग से ही इन गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के कर्मियों का वेतन और मानदेय दिया जाता है। श्री वर्मा ने कहा कि 22 महीनों से स्कूल बंद होने के कारण इस स्कूलों में शिक्षण शुल्क पूर्णत: बंद है। जिससे स्कूल संचालकों की परेशानियां बढ़ गई है। सारे विद्यालय लगभग बंद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में 16 अगस्त 2021 से ही कक्षा एक से आठवीं तक की पढ़ाई शुरू कर दी गई है। वहीं, झारखंड में अभी भी सिर्फ कक्षा 6 से 8 तक के संचालन की अनुमति है। निचली कक्षाओं का संचालन अभी भी बंद है। इसका अत्याधिक प्रभाव गरीब एवं मध्यम वर्गीय बच्चों के शैक्षणिक विकास पर भी पड़ रहा है। धरना में सैयद अंसार उल्लाह, मो महताब अंसारी, गुलाम गौस, दिलीप कुमार, अजय श्रीवास्तव, दिनेश साहू, प्रवीण दुबे, अनिल कुमार, जीवन कुमार, इला रानी पाठक, वरुण कुमार राय, आनंद कुमार, अक्षय प्रसाद सिंह, मो उस्मान, मसूद कच्छी, विनोद भगत, प्रभु दयाल, मुन्ना कुमार, देवेंद्र कुमार, प्रभात कुमार सहित काफी संख्या में प्राइवेट स्कूलों के संचालक व शिक्षकगण शामिल हुए।
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