रांची। 70 दिन बाद आखिरकार कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की खंडपीठ ने अमित अग्रवाल को जमानत दी है। अमित अग्रवाल को तीन महीने की अंतरिम जमानत दी गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दी है। अमित अग्रवाल की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और रंजीता रोहतगी ने कोर्ट से कहा मेरे क्लाइंट को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उन्होंने अधिवक्ता राजीव कुमार की शिकायत की। अधिवक्ता राजीव कुमार को जमानत मिल गई है, तो उन्हें भी बेल मिलनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि झारखंड हाईकोर्ट से अमित अग्रवाल की जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। इसमें कहा गया है कि राजीव को कोलकाता पुलिस ने 31 जुलाई को गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी उनके द्वारा कोलकाता पुलिस में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी पर हुई थी। कोलकाता पुलिस ने उनकी शिकायत पर राजीव को 50 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इडी ने इस मामले में इसीआइआर दर्ज करने के बाद जांच शुरू की। राजीव को रिमांड में लेने के बाद पूछताछ की गयी। पूछताछ के दौरान सात अक्तूबर की रात उन्हें भी इस मामले में अभियुक्त बनाते हुए गिरफ्तार कर लिया गया, जो कि गलत है। क्योंकि हाइकोर्ट में चल रहे पीआइएल को मैनेज करने के नाम पर रिश्वत मांगने के मामले में वह शिकायतकर्ता हैं।
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