📌 गांडीव लाइव डेस्क:
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले में शिक्षा विभाग में एक चिंताजनक वित्तीय कुप्रबंध का मामला सामने आया है। सूचना के अनुसार, स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों के बकाया वेतन दिलाने के नाम पर तीन शिक्षकों द्वारा लगभग 35 से 40 लाख रुपये की अवैध वसूली की गई है। इस मामले की पुष्टि जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) टोनी प्रेमराज टोप्पो ने की है।
इन तीन शिक्षकों पर गंभीर आरोप 💼
- राकेश कुमार महतो – शिक्षक, मारवाड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय, चक्रधरपुर
- अलोका पुरती – शिक्षक, एसओई स्काट प्लस टू उच्च विद्यालय, चाईबासा (राजआनंदपुर विद्यालय में प्रतिनियुक्त)
- नीलिमा मुक्ता पुरती – शिक्षक, प्रोजेक्ट प्लस टू उच्च विद्यालय, झीलरूवा गोइलकेरा (खूंटी विद्यालय में प्रतिनियुक्त)
जानकारी के अनुसार, आरोपित शिक्षकों ने अन्य शिक्षकों से बड़ी रकम वसूली की, लेकिन उन्हें अब तक वापस नहीं किया गया। इस पर विभागीय जाँच शुरू की गई, जिसमें आरोपों की सत्यता स्थापित हुई।
DEO का कड़ा रुख 🚨
टोनी प्रेमराज टोप्पो ने इस घटना को गंभीर मानते हुए कहा कि पहले ही 12 सितंबर को विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि कोई भी व्यक्ति अवैध रूप से धन न मांगे। फिर भी इस प्रकार की गतिविधि झारखंड सरकारी सेवक नियमावली के खिलाफ है।
तदनुसार, विभाग ने आरोपित शिक्षकों के अक्टूबर महीने का वेतन रोक दिया है। उन पर 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण रिपोर्ट और पिछले तीन महीने के बैंक स्टेटमेंट प्रस्तुत करने का आरोप है। DEO ने चेतावनी दी है कि यदि स्पष्टीकरण असंतोषजनक, झूठा या भ्रामक पाया गया, तो शिक्षकों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन और अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई शामिल हो सकती है।

