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📌 गांडीव लाइव डेस्क:
झारखंड के लातेहार जिले में जंगली हाथियों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, बालूमाथ प्रखंड के नगड़ा गांव में रात को लगभग 15 से 16 हाथियों के एक समूह ने जबरदस्त तबाही मचाई। यह घटना ग्रामीणों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है, खासकर जब वन विभाग की ओर से त्वरित सहायता उपलब्ध नहीं है। आइए, इस घटनाक्रम का विस्तार से विश्लेषण करते हैं और हाथी उत्पात की स्थिति पर नज़र डालते हैं।
हाथियों का हंगामा
ग्रामीणों के अनुसार, रात के अंधेरे में अचानक हाथियों का झुंड गांव में पहुँच गया और फसलों को बर्बाद कर दिया। सबसे अधिक प्रभावित किसानों में तीरथ उर्फ प्रयाग साव, जलेश्वर साव, हेमंत साव, प्रेम साव, रविंद्र साव, मनोज साव, बाला साव, चौतरी साव, गोवर्धन साव और हरिचंद्र साव शामिल हैं।
फसलों और संपत्ति को नुकसान
किसान प्रयाग साव के एक बैल को हाथियों ने मार डाला, जबकि जलेश्वर साव के पोल्ट्री फार्म को भी काफी नुकसान पहुंचा, जिससे सैकड़ों मुर्गियों का भविष्य खतरे में पड़ा है।
गांव में अफ़रा-तफरी
पूरे गांव में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने टॉर्च और मशालों का इस्तेमाल करके किसी तरह हाथियों को भगा दिया, लेकिन वन विभाग की कोई टीम घटनास्थल पर नहीं पहुंची। ग्रामीणों को आशंका है कि हाथी पुनः लौट सकते हैं।
दावा और मांगें
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और वन विभाग से तत्काल मुआवजे की मांग की है। उन्होंने जोर देकर कहा है कि ऐसे फिर से होने वाली घटनाओं से बचने के लिए स्थायी व्यवस्था, जैसे बिजली के तार, ड्रोन निगरानी या सोलर फेंसिंग, की आवश्यकता है।
जंगली हाथियों के आतंक से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि इस प्रकार की घटनाओं से भविष्य में ग्रामीणों को राहत मिल सके।
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