झारखंड आंदोलनकारियों का घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन पांचवा दिन
रांची। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में आंदोलनकारियों के मान-सम्मान, पहचान, पेंशन व नियोजन को लेकर आहूत घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन आज पांचवें दिन भी जारी रहा। आज रामगढ़ और बोकारो जिला के आंदोलनकारियों ने मांगों को लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामगढ़ जिला संयोजक झारखंड आंदोलनकारी रामलखन महतो ने की। मौके पर उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी अब अपना अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे। अब गांव-गांव झारखंड आंदोलनकारी अपने स्वाभिमान की लड़ाई के लिए खड़े हो चुके हैं। अब झारखंड सरकार आंदोलनकारियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती है। वर्तमान में सरकार के उपेक्षापूर्ण नीति के खिलाफ झारखंड आंदोलनकारियों में आक्रोश है। संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों ने ठाना है, पहचान पेंशन नियोजन लेना है। घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन राज्य सरकार के अंदर वेदना एवं संवेदना जागृत करने के लिए किया जा रहा है। इस आंदोलन में पूरे राज्य से हजारों की संख्या में अपनी अपनी लड़ाई और भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक जिला के झारखंड आंदोलनकारी आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। आंदोलनकारी दीपक टाइगर ने कहा कि अब झारखंड आंदोलनकारियों के अधिकारों का हनन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हेमंत सरकार की पहचान झारखंड आंदोलनकारियों से ही है। इस पहचान को किसी भी सूरत में मिटाने नहीं दिया जाएगा। घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन के माध्यम से झारखंड आंदोलनकारी अपने अस्तित्व की रक्षा की लड़ाई लड़ रहे हैं। जबिउल्लाह अंसारी ने कहा कि आंदोलनकारियों के पहचान के एक शहादत देनी पड़ी तो आज भी हम पीछे नहीं हैं और न ही रहेंगे। सरोजनी कच्छप ने कहा कि अपने सपनों को साकार करने के लिए एक और आंदोलन की जरूरत है। कार्यक्रम में अश्वनी कुजूर, दिनेश महतो, पुष्कर महतो, भुनेश्वर केवट,अब्दुल रज्जाक अंसारी, एरेन कच्छप, विनीता खलखो, दिवाकर साहू, रमेश महतो, जगदेव महतो, अजीत कुमार सिंह, रवि सिंह, भरत करमाली, बुद्देशेवर महतो, परमेश्वर भगत, विशेषण भगत, इसरार अहमद, देवनन्दन भगत, मंगलेश्वर उरांव और राजेश भगतसहित अन्य उपस्थित थे।
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