झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा का घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन जारी
रांची। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन को बाबू बिनोद बिहारी महतो के नाम समर्पित करते हुए आठवां दिन भी जारी रहा। आज आठवें दिन धनबाद एवं जामताड़ा के झारखंड आंदोलनकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संयोजक एवं झामुमो के सचेतक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि झारखंड को खुशहाल राज्य बनाने के लिए समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए विस्थापितों को न्याय दिलाने के लिए झारखंड के 1-1 नौजवानों को नियोजन देने के लिए आज अलग राज्य में बाबू बिनोद बिहारी महतो के सपनों को धरातल पर उतारने की जरूरत है। बिनोद बिहारी महतो ने हीं शोषण, दमन व अत्याचार के खिलाफ जबरदस्त संघर्ष किए उन्होंने मूल्य आधारित सामाजिक व्यवस्था राजनीतिक व्यवस्था बनाने के लिए लंबे समय तक संघर्ष किए। आज राज्य में उन्हीं का प्रताप है कि हम लोग मंत्री-विधायक अलग राज्य में बने हैं। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि झारखंड अलग राज्य निर्माण करने वाले झारखंड आंदोलनकारियों को घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन करना पड़ रहा है। सरकार सकारात्मक पहल करते हुए आंदोलनकारियों के व्यापक हित में ठोस कदम उठाएं। झारखंड आंदोलनकारी सूरज मंडल ने कहा कि मैं खुशनसीब हूं कि झारखंड अलग राज्य आंदोलन का एक आंदोलनकारी सेनानी हूं। झारखंड अलग राज्य के मूल्यों को आज स्थापित करने की जरूरत है। अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों का चिंहितिकरण का काम जल्द से जल्द होना चाहिए। झारखंड आंदोलनकारियों का परिवार बिखरा हुआ है। उनकी सुध लेने वाला आज कोई नहीं दर-दर की ठोकरें रहे है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए झारखंड आंदोलनकारी जगत महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के अस्तित्व को मिटने नहीं देंगे इसके लिए किसी भी हद तक जाकर आंदोलन करना पड़े हम संघर्ष के लिए ही नहीं शहादत के लिए भी तैयार हैं। कार्यक्रम में किशोर किस्कू, भुनेश्वर केवट, पुष्कर महतो, गोपाल रवानी, कुमोद कुमार वर्मा, बलराम महतो, नारायण महतो, शिव शंकर शर्मा, सुभाष चन्द्र महतो, सर्जन हांसदा, काशी प्रसाद महतो, रेंघु साव, सरोजनी कच्छप, विनीता खलखो, एरेन कच्छप, मंगलेश्वर उरांव, रंजीत कुमार महतो, मूलचंद महतो, शिवलाल किस्कू, इतवारी बेसरा, दुलाल चंद्र बाउरी, कंचन यादव ने अपने विचार रखे है।
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