Home » पहले उठी बेटी की डोली फिर उठी पिता की अर्थी

पहले उठी बेटी की डोली फिर उठी पिता की अर्थी

by Aaditya Hriday

हजारीबाग | बेटी की शादी में अचानक पिता की तबीयत खराब हुई। तबीयत बिगड़ी तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घर में शादी का माहौल था। बेटी की डोली से पहले पिता की जान चली गयी। परिजनों ने फैसला लिया कि शादी होगी। बेटी ने मंदिर में जाकर सात फेरे लिए और वहीं से विदाई हो गयी। परिवार में खुशी का माहौल बदला मातम में

मामला झारखंड के हजारीबाग का है। इचाक थाना क्षेत्र अंतर्गत रतनपुर गांव में देर शाम सत्येंद्र मेहता उर्फ कारू की बड़ी बेटी अंशु की शादी की तैयारी चल रही थी। घर में सभी खुश थे। अचानक लड़की के पिता सत्येंद्र की तबीयत बिगड़ने लगी। दो बार उल्टियां हुई और अचानक वो जमीन पर गिर पड़े। परिजन तुरंत उन्हें लेकर हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल भागे। यहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बेटी सात फेरे की तैयारी कर रही थी उधऱ पिता की जान चली गयी। घर खबर पहुंची तो खुशी का माहौल मातम में बदल गया। परिजनों ने फैसला लिया कि बेटी की शादी तय है तो होगी ही। दुल्हन को बरका खुर्द शिव मंदिर ले जाया गया, जहां दूल्हा विकास के संग अंशु की शादी हुई। मंदिर से ही बेटी की विदाई हुई और इधर पिता की अर्थी उठी।
परिजनों ने बताया कि कारू घर का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसपर बुजुर्ग पिता नागेश्वर मेहता, मां शारदा देवी समेत 2 पत्नियों और 4 बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेवारी थी।पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी उठाने वाला कोई नहीं है। सत्येंद्र मेहता उर्फ कारू ही पूरे परिवार का पेट पालते थे। बुजुर्ग पिता नागेश्वर मेहता, मां शारदा देवी समेत 2 पत्नियों और 4 बच्चे की जिम्मेदारी कारु के कांधे पर थी। कारू उर्फ सत्येंद्र की 2 पत्नियां हैं। पहली पत्नी कबूतरी से कोई संतान नहीं होने पर कारू ने गीता से दूसरी शादी की थी। इससे 2 पुत्र और 2 बेटियां हैं, जिनमें अंशु बड़ी थी।

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