पलामू : उसका नाम रूपचंद है. उसकी 50 से अधिक पत्नियां हैं. लगभग 30 से भी अधिक बच्चे हैं. उसका पूरा परिवार पलामू जिले के हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र में रहता है. सरकारी दस्तावेज इसके गवाह हैं लेकिन उस इंसान को अब तक किसी ने नहीं देखा. दरअसल, हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र के एक इलाके में देह व्यापार से जुड़ी कुछ महिलाएं अपने बच्चों के साथ रहती हैं. कुछ दिन पहले एचआईवी को लेकर सर्वे करने आई एक टीम उक्त इलाके में पहुंची. अधिकारियों ने जब निरीक्षण शुरू किया तो पता चला कि मोहल्ले की 40 से अधिक महिलाओं के बेटे, पति और पिता का नाम रूपचंद है. इसके बाद अधिकारी रूपचंद की तलाश में जुट गये. उन्होंने कई स्थानीय लोगों से पूछा. इसके बाद पता चला कि पूरे इलाके में रूपचंद नाम का कोई इंसान था ही नहीं. असल में इलाके के लोग पैसे को ही रूपचंद कहते हैं. यहां की अधिकतर महिलाएं वर्षों से वेश्यावृत्ति और नाच-गाकर अपना जीवन यापन करती हैं.
कुछ स्थानीय महिलाओं ने बताया कि यहां के लोग अपनी बेटियों को जबरन देह व्यापार में नहीं धकेलते. लड़की से पूछा जाता है कि वह शादी करना चाहती है या नाच-गान, वेश्यावृत्ति में जाना चाहती है. अगर लड़की शादी करना चाहती है तो उसी समाज के लड़के से उसकी शादी करा दी जाती है. वह फिर कभी नाच-गाना या देह व्यापार के दलदल में नहीं जाती. जो लड़की शादी नहीं करना चाहती, उसे इस धंधे में डाल दिया जाता है.
इस इलाके में देह व्यापार में आने वाली लड़कियों की बोली लगाई जाती है. इस सौदे में अगर कोई गर्भवती हो जाती है तो उस बच्चे के पिता का नाम रूपचंद रख दिया जाता है. इस तरह महिला के पति का नाम खुद-ब-खुद रूपचंद हो जाता है.
परियोजना प्रबंधक पदाधिकारी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि हम लोग एचआईवी से बचाव के लिए जगह जगह पर सर्वे करते हैं. नियमित रूप से मेडिकल चेकअप करते रहते हैं ताकि एचआईवी से बचाव किया जा सके. इसी संदर्भ में हम लोग जब एरिया में निरीक्षण करने गए तो वहां की महिलाओं ने अपने पति का नाम रूपचंद बताया. इलाके में अब भी 5-6 एचआईवी पीड़ित हैं. पलामू एवं लातेहार के कुछ इलाकों में भी ऐसी ही कुछ महिलाएं हैं. कुछ लोगों को समझाने बुझाने के बाद उसी समुदाय में शादी कराई गई है. इन सभी से निकलकर वह नौकरी के पीछे भाग रहे हैं.
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