प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बुधवार को टेंडर कमीशन घोटाले में गिरफ्तार ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की संपत्ति बुधवार की जब्त किया. ईडी ने वीरेंद्र राम की अस्थायी रूप से 39.28 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क किया है. ये संपत्ति वीरेंद्र कुमार राम और उनके परिवार के सदस्यों के हैं. जिन संपत्तियों को ईडी ने जब्त किया है, उसमें फार्म हाउस, फ्लैट, डुप्लेक्स बंगला, दिल्ली, जमशेदपुर और रांची में जमीन और करीब 36 लाख रुपये के सामूहिक बैलेंस वाले तीन बैंक खाते शामिल हैं. वीरेंद्र राम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 125 करोड़ रुपए से अधिक की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है.
इसका खुलासा वीरेंद्र राम के न ठिकानों पर छापेमारी के दौरान हुआ था. छापेमारी में पता चला था कि उसने टेंडर कमीशन घोटाले में अकूत संपत्ति बनायी है.
ईडी ने बताया कि एसीबी जमशेदपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी. जांच में पता चला कि रांची में ग्रामीण कार्य विभाग में मुख्य अभियंता के पद पर तैनात वीरेंद्र कुमार राम ने ठेकेदारों को टेंडर आवंटित करने के एवज में उनसे कमीशन के नाम पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी. इस प्रकार अवैध आय का उपयोग वीरेंद्र कुमार राम और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा बहुत ही शानदार जीवन शैली जीने के लिए किया जाता था.
ईडी ने बताया कि इससे पहले भारत के विभिन्न शहरों में वीरेंद्र कुमार राम से संबंधित 30 परिसरों में तलाशी ली गई थी. इस दौरान विभिन्न आपत्तिजनक साक्ष्य पाए गए और जब्त किए गए. इसके अलावा, तलाशी कार्रवाई के दौरान 40 लाख रुपये की नकदी, 1.51 करोड़ रुपये के सात वाहन और आभूषण पाए गए. जिसके बाद इसे जब्त कर लिया गया, जो बाद में उसके द्वारा अर्जित अवैध आय का हिस्सा पाया गया. इसके बाद वीरेंद्र कुमार राम को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में दोषी पाए जाने के बाद बीते 23 फरवरी को ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में होटवार जेल, रांची में है. इस मामले में वीरेंद्र कुमार राम के चचेरे भाई आलोक रंजन को भी 11 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि वह वर्तमान मामले में अवैध आय को वैध बनाने में वीरेंद्र कुमार राम की सहायता करता पाया गया था.
Have any thoughts?
Share your reaction or leave a quick response — we’d love to hear what you think!