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📌 गांडीव लाइव डेस्क:
लद्दाख में छात्रों और पुलिस के बीच हुई झड़पें
हफ्ते के पहले कार्यदिवस, बुधवार, को लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश में छात्रों और पुलिस के बीच गंभीर झड़प देखने को मिली। यह घटनाएँ उस समय हुईं जब पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया।
आंदोलनकारी छात्रों का प्रदर्शन 🚩
प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के कार्यालय पर पथराव करते हुए उस पर हमला किया और वहां आग लगा दी। घटना के बाद, छात्रों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसके फलस्वरूप स्थिति और अधिक बिगड़ गई। इससे छात्रों ने उग्र हो कर पुलिस वैन को भी आग के हवाले कर दिया। इसी के चलते, पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया।
स्थानीय लोगों का समर्थन
उन्होंने लेह के विभिन्न स्थानों पर इकट्ठा होकर लद्दाख को पूर्ण राज्य के रूप में मान्यता देने की मांग की। विदित हो कि सोनम वांगचुक पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं और उनके समर्थन में बड़ी संख्या में छात्रों ने सड़कों पर उतरकर आवाज उठाई।
प्रदर्शन और शांतिपूर्ण वार्ता की अपेक्षा 💬
प्रदर्शनकारी अपने चार मुख्य मांगों को लेकर आगे आ रहे हैं:
- लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए।
- लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में समाहित किया जाए।
- लद्दाख में लोकसभा की सीटों की संख्या बढ़ाई जाए।
- लद्दाख की जनजातियों को आदिवासी का दर्जा प्रदान किया जाए।
केंद्र सरकार ने 6 अक्टूबर को लद्दाख के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है, जिसमें लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के सदस्य भी शामिल होंगे।
2019 के बदलावों का प्रभाव
ज्ञात हो कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद, केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया था। अब वही लद्दाख पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहा है, जो यहाँ के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दा बन चुका है।
स्थिति पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है ताकि शांति बनाए रखी जा सके।

