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📌 गांडीव लाइव डेस्क:
नई दिल्ली: कनाडा सरकार ने हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई के नेतृत्व वाले बिश्नोई गैंग को आतंकी संगठन की श्रेणी में डालने की घोषणा की। यह निर्णय कंजरवेटिव और एनडीपी नेताओं की मांगों के आधार पर लिया गया है। इस बदलाव के बाद, किसी भी कनाडाई नागरिक के लिए इस गैंग को आर्थिक सहायता प्रदान करना या इसके लिए कार्य करना अब अपराध माना जाएगा।
जेल से गैंग की गतिविधियों पर नियंत्रण
बिश्नोई गैंग भारत से संचालित हो रहा है, और इसके नेता लॉरेंस बिश्नोई पर आरोप है कि वह जेल में रहते हुए मोबाइल फोन के माध्यम से गैंग की गतिविधियों को नियंत्रित कर रहा है। कनाडा सरकार के अनुसार, यह गैंग हत्या, गोलीबारी, आगजनी और उगाही जैसी गंभीर गतिविधियों में लिप्त है, खासकर भारतीय मूल के लोगों, उनके व्यवसायों और सांस्कृतिक हस्तियों को निशाना बनाता है।
सख्त कार्रवाई का अधिकार
नई लिस्टिंग के बाद, कनाडाई कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस गैंग के खिलाफ और सख्त कार्रवाई करने का अधिकार प्राप्त होगा। इसमें उनकी संपत्तियों को जब्त करना, बैंक खातों को फ्रीज करना और गैंग के समर्थकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना शामिल है। कनाडा सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब किसी भी कनाडाई नागरिक के लिए गैंग की मदद करना या उसकी संपत्तियों से लेनदेन करना अपराध होगा।
गैंग के खिलाफ उठाए गए कदम
पिछले वर्ष, रॉयल कनाडाई माउंटेड पुलिस (RCMP) ने आरोप लगाया था कि बिश्नोई गैंग कनाडा में हत्याएं और उगाही करने में संलिप्त है, विशेषकर उन व्यक्तियों को निशाना बनाते हुए जो खालिस्तान के लिए समर्थन देते हैं। हालाँकि, भारत ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि वह कनाडा के साथ मिलकर इस गैंग की आर्थिक गतिविधियों को रोकने का प्रयास कर रहा है।
प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा की प्रतिबद्धता
कनाडा सरकार का यह कदम न केवल अपराध पर अंकुश लगाने में सहायक होगा, बल्कि प्रवासी भारतीय समुदाय को भी सुरक्षा का अहसास कराएगा। सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री गैरी अनंदसंगरी ने कहा, “हमारे देश में हिंसा और आतंक का कोई स्थान नहीं है, खासकर तब जब किसी समुदाय को डर और धमकी के माहौल में जीना पड़ता है।”

