कोलकाता में 46 लाख कैश के साथ पकड़े गये तीनों विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी को बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाईकोर्ट ने अरगोड़ा थाना में दर्ज जीरो एफआईआर को निरस्त कर दिया है। तीनों विधायकों के गिरफ्तार होने के बाद कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआऱ दर्ज कराया था। रांची में किए गए जीरो एफआईआर को कोलकाता ट्रांसफर के खिलाफ दाखिल याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट का आदेश आया।
क्या बोले विधायक इरफान अंसारी
इस फैसले के बाद इरफान अंसारी ने कहा, यह सच की जीत है। हम पर लगाए गये सारे आरोप निराधार साबित हो गये। हमें इस दौरान जो मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी वह हम ही जानते हैं। आखिर सच सामने आ गया।
दर्ज हुई थी जीरो एफआईआर
पिछले साल अरगोड़ा थाना में दर्ज एफआईआर को सेकंड एफआईआर मानते हुए उसे निरस्त किया गया है। कोर्ट ने कहा कि कुमार जयमंगल सिंह ने झारखंड सरकार गिराने की साजिश को लेकर कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर को प्रथम एफआईआर माना है एवं अरगोड़ा थाने में दर्ज एफआईआर को इसी घटना का दूसरा एफआईआर माना है और अरगोड़ा थाने में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया है।
विधायकों की याचिका हुई स्वीकार
कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए विधायकों की याचिका को स्वीकृत किया। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की कोर्ट में हुई . तीनों विधायकों की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और राहुल कमलेश ने व सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार एवं बंगाल सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा ने पक्ष रखा। मामले की सुनवाई 24 फरवरी को हुई थी और अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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